बेशर्म पापा ने बेटी से झांट छिलवाया
बेटी की अनचुदी चूत नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आरोही है. मेरे घर में मेरे पापा, मम्मी, और मेरा एक बड़ा भाई है. दोस्तों ये बात तब की है जब मेरी मम्मी का एक ऑपरेशन हुआ था और वो एक हॉस्पिटल में भर्ती थी. मैं उन दिनों केवल 15 साल की थी. पूरा दिन हॉस्पिटल में बिताने के बाद मैं पापा के साथ घर चली आती थी.
ऐसी ही एक रात थी. शाम 8 बजे मैं अपने पापा के साथ हॉस्पिटल से बाहर निकली. उन्होंने एक ऑटो किया. हम दोनों पीछे बैठ गए. मैं अपनी मम्मी के लिए थोड़ा रोने लगी.
बेटी! रो मत! आजकल ऑपरेशन तो बड़ी मामूली सी बात हो गयी है. तेरी मम्मी जल्दी ही ठीक होकर घर आ जाएगी! मेरा पापा बोला.
उसने मेरे दोनों कन्धों पर हाथ रख दिया. हम दोनों पापा बेटी घर आए. मेरे पापा ने नहाने के लिए गर्म पानी करके बाथरूम में लाने को कहा. सर्दियों के कारण अब हम सभी गर्म पानी से नहाते थे. मैं गैस पर पानी गरम करने लगी.
जब मैं पानी लेकर बाथरूम में गयी तो मेरी फट गई. मेरा 50 साल का पापा बिलकुल नंगा था. वो शीशे के सामने खड़ा था, कैंची से अपने झांटे काट रहा था. मैं बिलकुल हैरान हो गयी. बाथरूम के बाहर ही पानी रखकर भाग आयी. मैं यही सोच रही थी की क्या बुड्ढा सठिया गया है. उसे जरा भी शरम नही आती है क्या?
तभी मेरे पापा ने आवाज दी… बेटी जरा यहाँ तो आना!!
मैं हैरान परेशान थी, किसी तरह गयी. मेरा पापा इतना भीमकाय शरीर का है, मैंने पहली बार जाना. उसके सीने पर सब जगह सफ़ेद बाल थे. सिर के बाल भी सफ़ेद थे.
बेटी! जरा मेरी गोलियों के बाल तो काट दे! देख ना कितने बड़े हो गए है! पापा बोला.
मैं तो शर्म से पानी पानी हो गयी. मैं ज़मीन में बैठ गयी. कैंची हाथ में ले ली, मेरा पापा सीधा आईने के सामने खड़ा था. पर गोलियों तक पहुँचने के लिए मुझे उसका बड़ा सा हाथी जैसा लण्ड हटाना था. मैं जिंदगी में पहली बार अपने पापा का काला मोटा लोढ़े जैसा लण्ड देखा था.
क्या मेरी मम्मी इसी लण्ड से हर रात चुदाती होगी. उसकी तो गाड़ ही फट जाती होगी. मैं सोचने लगी. लण्ड को छूने से मुझे सिहरन हुई. थोड़ा अच्छा लगा. मैंने 250 ग्राम के लण्ड को हाथ से ऊपर उठाया और कैंची से अपने पापा की गोलियों की झांटे काटने लगी. जब कट गई तो मैं उठी. मेरे पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
ये क्या पापा? मेरा हाथ क्यों पकड़ रखा है? मैंने गुस्से से पूछा.
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बेटी! तू तो जानती ही है कि 15 दिनों से तेरी मम्मी अस्पताल में भर्ती है. मुझे चूत चाहिए! मुझे अपनी चूत दे दे बेटी! मेरा पापा बोला.
मैं मारे गुस्सा के तमतमा गयी. पापा!! ये क्या बतमीजी है! आपको शर्म नही आ रही ऐसा कहते? मैंने कहा.
इसमें शर्म कैसी बेटी! अब तू जवान चोदने लायक हो गयी है! कुछ दिनों में तेरे कई बॉयफ्रेंड बन जाएंगे जो तुझे पूरी पूरी रात चोदेंगे और तेरे भोंसड़े को फ़ाड़ेंगे! इसमें शर्म कैसी बेटी? मेरा पापा बोला.
मैं गुस्से से जल उठी. मैंने एक झापड़ अपने पापा को लगा दिया. मैं अपने कमरे में आके रोने लगी. रात 10 बजे मेरा पापा मेरे लिए एक कॉफी और ऑमलेट ब्रेड लाया. वो रोने लगा. मुझसे माफ़ी मांगने लगा. मैं उसे माफ़ कर दिया क्योंकि बुरा भला जैसा भी था, वो मेरा बॉप था. मैंने कॉफी पी ली. ऑमलेट खा लिया.
कुछ देर बाद मैं बेहोश सी हो गयी. मेरा सर हिलने लगा. लगा मैंने कोई नशा किया है. मेरे पापा ने कॉफी में नशीली गोली मिला दी थी. वो अब नहाकर मेरे कमरे में आ गया. दरवज्जा बन्द कर लिया. उसने अपने कपड़े उतार दिये.
मैं उससे कुछ कहना चाहती थी, पर नशीली गोली से मेरी आवाज नही निकल रही थी. मेरे बॉप ने मेरा नीला सलवार सूट निकाल दिया. मेरी आँखों के सामने साफ साफ नही दिख रहा था, सब धुंधला धुंधला दिख रहा था. पर मैं तो ये जान ही गयी थी की ये हरामी कोई दूसरा नही मेरा अपना पापा है.
मैं उसे लात गुस्से मारकर दूर करना चाहती थी. पर दोंस्तों, नशीली गोली से मेरे हाथ पैर सब बेकार हो रहे थे. सायद मैं अपने पापा से पूरी रात चुदने वाली थी. उसने मेरे दोनों हाथ उपर कर दिए. मेरी ब्रा और चड्डी भी निकाल दी. मैं अपने पापा के सामने बिलकुल बेपर्दा, बिलकुल नँगी थी.
मैं अभी अभी नयी नयी जवान हुई थी. या कहे अभी पूरी तरह जवान भी नही हो पाई थी. मेरे मम्मे अभी जरा से बड़े हुए ही थे. मूझे अभी एक बार भी माहवारी नही आयी थी. हाँ ये बात थी की मैं कभी कभी अपनी ऊँगली को अपनी नई चूत में डाल लेती थी और जल्दी जल्दी ऊँगली करती थी. क्या 15 साल की कोई उमर होती है चुदने की. मेरे कलयुगी पापा ने देखते ही देखते मेरे ऊपर लेट गया. उसके 75 किलो के वजन से मैं मरी जा रही थी. वो मेरे नये अनारों को मुँह में लेकर पिने लगा. शूरु सुरु में तो मूझे बड़ा बुरा लगा. मैं हाथ से उसका मुँह नोचना चाहती थी. पर नशीली गोली के कारण ऐसा ना कर सकी.
पर कुछ देर बाद तो मुझे बड़ा मजा मिलने लगा. मेरा सगा पापा मेरे स्तन को पी रहा था. सायद ऐसे ही वो मेरी मम्मी की बुब्स को पीता होगा. मेरे कमीने पापा से मुझे यानि अपनी सगी बेटी तक को नही छोड़ा.
इससे आपलोग जान सकते है की वो कितना बड़ा मादरचोद था. पर मुझे भी मजा मिलने लगा. वो हरामी मुँह भर भरके मेरी नयी नयी कच्ची कलियों के समान मेरे स्तन पीने लगा. मेरे काले निपल्स चबाने लगा. मैं गर्म हो गयी. फिर उसने दूसरी छाती को मुँह में भर लिया. ऐसा करने से मेरे जिस्म में आग सी लग गयी.
मेरी नयी अनचुदी चूत नरम पड़ने लगी. फिर मेरा पापा मेरे होंठों को भी पीने लगा. मैं कुछ ना कर सकी. अब वो मेरे पेट को चूमने लगा. मेरी नाजुक नाजुक पसलियों को चूमने चाटने लगा. वो मेरी गड्ढेदार नाभि में अपनी जीभ डालने लगा. मुझे बड़ा अच्छा लगा. गुदगुदी हुई. सायद अब मैं भी अंदर से चाहती थी की थोड़ा चुदवा लूँ.
मैंने चुदवाने के बारे में जरूर सोचा था, पर ये कभी नही सोचा था कि मेरा सगा पापा ही मुझको सबसे पहले लेगा. पर होनी को यही बदा था. मेरा पापा शरारत से मेरी नाभि में जीभ फेर रहा था. मैं चुद्दकड़ हुई जा रही थी.
मेरा पापा मेरी नाभि से मेरे भोंसड़े तक जो हल्के हल्के रोयेंदार बाल होते है जो पेट के बीचोबीच से चूत तक जाते है उस बालों की लाइन को होले होले चूमने लगा. मैं और चुदासी हो गयी. फिर अंत में वो मेरी चूत पर आ गया. आज तक मेरे भोंसड़े को मेरे सिवा किसी ने नही देखा था. पर आज मेरे सगे पापा से मेरे भोंसड़े के दर्शन कर लिए.
वाह बेटी!! तेरी मम्मी को सारी रात चोद चोद के क्या चूत बनायीं है. मक्खन मलाई सी चूत है तेरी!! तुझे तो मैं रात मैं रवा कर दूँगा!! आज तुझे मैं औरत बना दूँगा!! वो हलकट मेरा कमीना बॉप बोला और मेरी चूत को पीने लगा. मैं मचलकर उछल गयी. मैं अपने दोनों पैर हवा में उठा लिए.
वो अपने दोनों ओंठों से मेरी चूत पीने लगा. इतना ही नही अपनी जीभ मेरी चूत में भी डालने लगा और ऊपर नीचे हिलाने लगा. मैं मचल गयी. आज पहली बार किसी से मेरी चूत में झीब डाली थी. मैं दोनों पैर घुटनों से मोड़ दिए और दोनों पैर खोल दिए जिससे मेरे बॉप को मुझे चोदने में कोई दिक्कत ना हो.
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मेरा पापा मेरी चूत को बड़े मजे से पीने लगा. फिर वो फ्रिज से आइसक्रीम ले आया. उसने ठंडी ठंडी आइसक्रीम मेरी चूत में भर दी. मैंने तो मूत ही दिया. मेरी गाण्ड फट गई. लगा कहीं मेरी चूत जम ना जाए. मेरा पापा मेरी चूत में भरी आइसक्रीम खाने लगा.
वो मुँह भर भरके आइसक्रीम खाने लगा. मन हुआ कास मैं खुद अपनी चूत में भरी आइसक्रीम खा पाती. मेरा बॉप मजे से खा रहा था. उनसे पूरी आइसक्रीम चाट चाटके साफ कर दी. उस बहनचोद ने अपना लण्ड मेरे भोंसड़े में रखा और पेल दिया अंदर.
लण्ड मेरी चूत में मोटे कीले की तरह गड़ गया. मेरी मम्मी चुद गयी. गांड़ फट गई. मेरे भोंसड़े में खून निकलने लगा. मैं डर गई. मेरा दिल धकर धकर दौड़ने लगा. पापा ये खून?? ये खून कैसा है?? मैंने पूछा.
डर मत बेटी आज से 20 साल पहले जब तेरी मम्मी इस घर में आई थी उसे भी मैंने इसी तरह चोदा था. सभी लड़कियों को पहली बार चोदने में खून आता ही है! पर कुछ देर में सब ठीक हो जाएगा! तू खुशि से पेलवाएगी! तुझे बड़ा मजा आएगा! तू जन्न्त की सैर करेगी! मेरे हलकट बॉप ने कहा और मुझे हचाहच चोदने लगा.
उसके मोटे लोढ़े जैसे लण्ड से मेरी चूत खिंच कर फ़ैल गयी थी. मेरा पापा मुझे नॉनस्टॉप कूटे जा रहा था. मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा रहा था. मेरा हरामी बॉप हुमक हुमक के गहरे झटके मार रहा था. मुझे थोड़ा दर्द, थोड़ा मजा मिल रहा था. अब मैं जान गई थी मेरी मम्मी भी इसी तरह हर रात चुद्वाती होंगी.
मेरे पापा ने मेरे ऊपर लदकर मुझे काफी देर पेला. 80 किलो के वजन से मेरी मम्मी चुद गयी. मैं साँस नही ले पा रही थी. लगा कहीं दम घुटने से न मैं मर जाऊंगी. अब मेरे पापा खुद बिस्तर से नीचे उतर गया. वो खड़ा हो गया. उसने मुझे बिस्तर के बिलकुल किनारे खींच लिया.
मैं लेटी रही, उसने मेरी दोनों टाँगों को सुखी लकड़ियों की तरह ऊपर कर दिया. मेरी चूत खुलकर मेरे पापा के सामने आ गया. मेरा पापा खड़े खड़े मुझ पर हल्का सा झुक्क्कर मुझे पेलने लगा. इसी तरह खड़े होकर चोदने में वो हरामी बड़ी गहरी मार कर रहा था मेरे भोंसड़े में.
कहाँ मेरी चूत गुलाब की एक कच्ची काली थी. और अब मेरा सगा बॉप मुझे पेल पेलकर मेरी कली को खिलाकर फूल बना रहा था. वो हरामी मेरे गुलाब को चोद चोदकर खिला रहा था. मैंने दर्द और मजे की मिश्रित भावना से आँखे मूँद ली. मेरा पापा वहसी, जानवरो की तरह मुझे ले रहा था.
मैंने भी जितना हो सकता था, दोनों पैरों को ऊपर उठा लिया. मैं मांस का एक बड़ा सा गोला बन गयी थी. मेरी चूत मेरे पापा के सामने बिलकुल खुलकर बाहर आ गयी थी. मेरा बॉप धका धक मुझे पेले जा रहा था. ये रात मेरी जिंदगी की यादगार ऐतिहासिक रात थी. मैं पेलवाना जरूर चाहती थी, पर कभी सोचा नही था कि अपने सगे पापा से ही पेलवा लूँगी.
बेटी!! तू इतनी हसींन है कि मैं कैसै किसी नये लौंडे को तुझे चोदने देता!! इसी लिए मैंने सोचा की कल को तू किसी लकड़े से फसे और चुदवाये इससे पहले तू मुझसे ही फस जाए. घर का माल घर में कोई खाए.! हरामी मेरा पापा बोला और मुझे नॉन स्टॉप कूटता रहा.
मेरे तो छक्के ही छूट गये. मैंने एक नजर नीचे अपनी चूत की ओर देखा. पापा रे!! मेरे पापा ने मुझे पेल पेलकर ये मोटा छेद कर दिया था कि कोई शिशि, कोई गिलास तक मेरे भोंसड़े में चला जाता. मुझे डर लगा कहीं मैं चुदवाते चुदवाते मर मरा ना जाऊ. मतलब क्या किसी की चूत इतनी फटती है. मैं डर गई थी. घबरा गई थी.
तो मेरा पापा ने मेरे नीले झीने दुप्पटे को मेरे मुँह पर डाल दिया जिससे मैं अपना भोसड़ा फड़ता हुआ ना देख पाऊ और परेशान ना हूँ. फिर से वो मुझे धका धक् पेलने लगा. इस तरह खड़े होकर मेरे पापा ने मुझे ढाई घण्टे पेला.
मतलब आप ही सोचिये दोंस्तों की अगर कोई 15 साल की लौण्डिया किसी 50 साल के मर्द से ढाई घण्टे चुद जाए तो उसकी क्या हालत होगी. मतलब उसकी तो गाण्ड ही फ़ट जाएगी. अब नशे वाली गोली का असर खत्म हो गया था. मैं होस हवास में आ गयी थी.
मेरे पापा ने अपना माल मेरे मुँह पर कई पिचकारियों में छोड़ दिया. मैंने सारा माल अपनी जीभ से चाटकर पी लिया. मेरा पापा अलग हुआ. मैंने उठकर बैठ गयी. शिशे के सामने गयी तो हैरान थी मेरी दोनों नयी नयी छतियों को मेरे सगे पापा ने बुरी तरह कुचल दिया था. मेरे दोनों स्तन पर जगह जगह उस हरामी के दातों के निशान थे.
फिर मैंने अपनी चूत देखी. खून से लथपथ. बॉप रे!!! मेरे पापा से चूत को फड़के भोसड़ा कर दिया था. फिर मेरे पापा ने मुझे बाथरूम में बुलाया. बेटी!! मुझे नहला आके!! वो हरामी बोला. मैं उसको नहलाने लगी. मैं उसके हाथ पैर पर साबुन मलने लगी. नहलाते नहलाते हम दोनों फिर से गरम हो गए. मेरे पापा ने बाथरूम के फर्श पर ही मुझे कुतिया बना दिया और कसके मेरी गाण्ड मारी. एक बार फिर से मेरी मम्मी चुद गयी और मैं अब एक सम्पूर्ण औरत बन गयी.