गर्लफ्रेंड की सीलपैक बुर की पहली चुदाई
कॉलेज स्टूडेंट सेक्स कहानी मेरे कॉलेज टाइम की है. मैं एक लड़की को पसंद करता था पर बात करने का अवसर नहीं मिला. फिर कैसे वो मेरी गर्लफ्रेंड बनकर चुदी?मेरा नाम यश … मैं 24 साल का हूँ. मैं दिखने में बहुत शरीफ दिखता हूँ. मेरा रंग एकदम गोरा है, कद 5 फुट 11 इंच है.
ये मेरी कॉलेज स्टूडेंट सेक्स कहानी है.
कॉलेज टाइम में हम कुछ लड़कों का एक समूह था जिसमें कोई भी लड़की नहीं थी.
मैं क्लास में आगे बैठा करता था.
बी.कॉम. की एक लड़की मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी. मेरा मन करता था कि मैं उससे बात करूं मगर उससे बात करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था.
उससे मेरी एक दो बार बस हैलो हाय हुई … हुई क्या, मैंने ही उससे हाय कहा.
बहन को झाड़ियों में जबरदस्ती चोदा
मगर उसने मुझे घास ही नहीं डाली.
पूरा साल ऐसे ही निकल गया था.
फिर दूसरे साल में मैंने किसी तरह से उसका मोबाइल नम्बर हासिल किया.
मैंने उसे फोन लगाया और उससे बात की.
शुरूआत में उसने मुझे लिफ्ट नहीं दी मगर मुझे वो बहुत अच्छी लगती थी तो मैं बस लगा रहा.
उसके साथ पढ़ाई की बात करने लगा. व्हाट्सैप पर भी गुडमॉर्निंग गुडनाईट के मैसेज करता रहता था.
कुछ समय बाद उसका जवाब भी आना शुरू हो गया.
अब उसने कॉलेज में मुझे देख कर स्माइल करना शुरू कर दिया था.
जब वो मुस्कुराती थी, तो मुझे काफी सुकून मिलता था.
मैं उससे कॉलेज में जब भी मिलता था, मेरे मन में लड्डू फूटने लगते थे. मैं उसे बड़े प्यार से देखता था, तो वो मुझे देख कर स्माइल पास कर देती थी.
कुछ हफ्ते ऐसे ही चले गए.
मैंने उससे मैसेज पर और कॉल पर बात करता रहता था.
उसके जवाबों से मुझे बहुत अच्छा लगता था.
एक दिन वो आया जब कुछ उम्मीद बनना शुरू हुई.
कॉलेज का वार्षिक उत्सव था. उस मौके पर हम सब कॉलेज की ड्रेस की जगह अपनी अपनी पसंद की ड्रेस में थे.
उस दिन मैंने कोट पैंट पहना हुआ था. शायद मैं काफी हैंडसम लग रहा था क्योंकि क्लास की सारी लड़कियां मुझे देखे जा रही थीं.
मैं निक्की की नजरों का पीछा कर रहा था. मैं आपको बता नहीं पाया कि मेरी उस महबूबा का नाम निक्की था.
उससे मेरी नजरें मिलीं तो वो हाथ के इशारे से मुझे थम्ब दिखा कर मेरी तारीफ़ करने लगी.
अब मुझसे नहीं रहा गया और मैं उसके करीब चला गया.
मैंने हाय कहा.
उसने भी हाय हैंडसम कहा.
सच मानो भाई … अन्दर तक ऐसा लगा कि आज जिन्दगी सफल हो गई. मेरी महबूबा ने मुझे हैंडसम जो कह दिया था.
मैंने कहा- थैंक्स यार, तू भी बहुत ब्यूटीफुल लग रही है.
वो हंस कर थैंक्स बोली.
अभी मैं उससे कुछ और बात करता, तब तक उसकी एक सहेली ने उसे आवाज लगा दी.
‘निक्की चल.’
निक्की मुझे बाय करती हुई चली गई.
कॉलेज में फंक्शन चल रहा था. मैं भी स्टेज के सामने एक सीट पर बैठ गया.
कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने बाहर गया.
निक्की बरामदे में अकेली खड़ी थी.
मैंने उसे देखा तो उसके पास आकर उसके ही साथ में खड़ा हो गया.
वो खुश हो गई.
वो बोली- मुझे अकेले खड़ा रहना बड़ा बुरा लग रहा था.
मैंने पूछा- तो बाहर क्यों आ गई. तेरी फ्रेंड्स किधर हैं?
वो बोली- मुझे उनके साथ अच्छा नहीं लग रहा था, तो मैं बाहर आ गई थी.
मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
पूरा साल ऐसे ही निकल गया था.
फिर दूसरे साल में मैंने किसी तरह से उसका मोबाइल नम्बर हासिल किया.
मैंने उसे फोन लगाया और उससे बात की.
शुरूआत में उसने मुझे लिफ्ट नहीं दी मगर मुझे वो बहुत अच्छी लगती थी तो मैं बस लगा रहा.
उसके साथ पढ़ाई की बात करने लगा. व्हाट्सैप पर भी गुडमॉर्निंग गुडनाईट के मैसेज करता रहता था.
कुछ समय बाद उसका जवाब भी आना शुरू हो गया.
अब उसने कॉलेज में मुझे देख कर स्माइल करना शुरू कर दिया था.
जब वो मुस्कुराती थी, तो मुझे काफी सुकून मिलता था.
मैं उससे कॉलेज में जब भी मिलता था, मेरे मन में लड्डू फूटने लगते थे. मैं उसे बड़े प्यार से देखता था, तो वो मुझे देख कर स्माइल पास कर देती थी.
कुछ हफ्ते ऐसे ही चले गए.
मैंने उससे मैसेज पर और कॉल पर बात करता रहता था.
उसके जवाबों से मुझे बहुत अच्छा लगता था.
एक दिन वो आया जब कुछ उम्मीद बनना शुरू हुई.
कॉलेज का वार्षिक उत्सव था. उस मौके पर हम सब कॉलेज की ड्रेस की जगह अपनी अपनी पसंद की ड्रेस में थे.
उस दिन मैंने कोट पैंट पहना हुआ था. शायद मैं काफी हैंडसम लग रहा था क्योंकि क्लास की सारी लड़कियां मुझे देखे जा रही थीं.
मैं निक्की की नजरों का पीछा कर रहा था. मैं आपको बता नहीं पाया कि मेरी उस महबूबा का नाम निक्की था.
उससे मेरी नजरें मिलीं तो वो हाथ के इशारे से मुझे थम्ब दिखा कर मेरी तारीफ़ करने लगी.
अब मुझसे नहीं रहा गया और मैं उसके करीब चला गया.
मैंने हाय कहा.
उसने भी हाय हैंडसम कहा.
सच मानो भाई … अन्दर तक ऐसा लगा कि आज जिन्दगी सफल हो गई. मेरी महबूबा ने मुझे हैंडसम जो कह दिया था.
मैंने कहा- थैंक्स यार, तू भी बहुत ब्यूटीफुल लग रही है.
वो हंस कर थैंक्स बोली.
अभी मैं उससे कुछ और बात करता, तब तक उसकी एक सहेली ने उसे आवाज लगा दी.
‘निक्की चल.’
निक्की मुझे बाय करती हुई चली गई.
कॉलेज में फंक्शन चल रहा था. मैं भी स्टेज के सामने एक सीट पर बैठ गया.
कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने बाहर गया.
निक्की बरामदे में अकेली खड़ी थी.
मैंने उसे देखा तो उसके पास आकर उसके ही साथ में खड़ा हो गया.
वो खुश हो गई.
वो बोली- मुझे अकेले खड़ा रहना बड़ा बुरा लग रहा था.
मैंने पूछा- तो बाहर क्यों आ गई. तेरी फ्रेंड्स किधर हैं?
वो बोली- मुझे उनके साथ अच्छा नहीं लग रहा था, तो मैं बाहर आ गई थी.
मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
वो हंस दी और बोली- अच्छा.
मैंने कहा- मुझे भी काफी अच्छा लग रहा है.
हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.
फिर मैंने उससे कहा- चलो कुछ खाने चलते हैं.
वो हामी भरती हुई मेरे साथ चल दी.
हम दोनों कॉलेज की कैंटीन में आ गए.
वहां मैंने ऑर्डर दिया.
हम दोनों ने खूब बातें की.
मैंने कहा- यार, क्या हम दोनों अपनी दोस्ती को एक लेवल और ऊपर लेकर चलें.
उसने मेरी तरफ देख कर मुस्कान दे दी मगर कुछ कहा नहीं.
मैं समझ गया और शायद मुझे अब आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.
अभी मैं कुछ कहता कि निक्की ने कहा- क्या सोच रहे हो?
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं, मूवी देखने चलेगी?
उसने कहा- आज नहीं, फिर कभी चलूंगी.
मुझे उदासी तो हुई मगर उसका ये कहना कि फिर कभी चलूंगी … मुझे काफी सुखद लगा.
फिर हम दोनों फंक्शन में आ गए और पास बैठ कर समय बिताने लगे.
दो दिन बाद उसका मैसेज आया ‘आज मूवी देखने चलें?’
मैंने हामी भर दी और कॉलेज से बंक करके हम दोनों मूवी देखने आ गए.
मैंने हॉल में कॉर्नर की सीट बुक की.
वो बहुत खुश थी.
मूवी देखते हुए ही मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा.
उसकी प्रतिक्रिया ठीक थी … मतलब उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ.
मैं डर रहा था कि कहीं हमारी दोस्ती खराब ना हो जाए.
एक मजाक का सीन आया तो उसने खिलखिलाते हुए मुझे कसके पकड़ लिया.
मुझे अच्छा लगा मगर कॉलेज की दोस्ती में ये सब आम होता है.
कुछ देर बाद मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा, वो कुछ नहीं बोली.
मैं उसका हाथ सहलाने लगा.
वो भी मुझे महसूस करती रही.
अब इंटरवल हुआ तो मैं उसके लिए खाने का कुछ लाया.
पांच मिनट बाद मूवी फिर से शुरू हुई. हॉल में अन्धेरा हो गया.
मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा और मूवी देखने लगा.
तभी फिल्म में एक डरावना सीन आया, उसने पूरी तरह से मेरी तरफ झुक कर मुझे अपने गले से लगा लिया और मुझसे कसके चिपक गयी.
मैंने उसकी पीठ पर हाथ से सहलाया.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- डर लग रहा था.
मैंने कहा- इट’स ओके निक्की … ये मूवी है.
इसी तरह से उस दिन मूवी के जरिए हम दोनों में निकटता बढ़ गई.
मूवी खत्म हुई तो हम दोनों बाहर आ गए. हम दोनों ने कुछ खाया फिर मैंने उसे उसके घर के बाहर छोड़ दिया.
रात को चैट हुई तो वो बड़ी खुश लग रही थी.
अगले दिन हम दोनों ने प्लान बनाया कि पार्क में चलेंगे.
हम शाम को पार्क गए थे.
वहां पहुंच कर हम दोनों हाथ में हाथ डाल कर घूम रहे थे.
बहुत अच्छी फीलिंग आ रही थी.
उसने कहा- यार मुझे किस करना है.
मैंने कहा- यहीं कर ले.
वो बोली- नहीं यहां नहीं.
कुछ देर बाद रात हुई तो हम वापस आने लगे.
वो मेरे पीछे बाइक पर दोनों तरफ टांगें डाल कर बैठी थी और मुझसे चिपकी हुई थी.
उसी समय उसने खाली सड़क पर मेरी गर्दन पर अपनी गर्म सांस छोड़ी.
मैंने कहा- बड़ी हॉट लग रही हो.
वो मेरे कान में अपनी गर्म हवा छोड़ती हुई बोली- तू क्या ठंडा है?
ये सुनकर मेरा भेजा घूम गया.
मैंने रास्ते में एक खाली जगह देख कर बाइक रोकी.
वो मुस्कुराई- बाइक क्यों रोकी?
मैंने कहा- उतरो तो यार.
वो बोली- तेरा इरादा क्या है?
मैंने कहा- यहां किस करके बताता हूँ कि मैं भी कितना हॉट हुआ पड़ा हूँ.
वो हंस पड़ी.
हम दोनों ने किस की और एक दूसरे के होंठों का रस चूसा.
फिर हम दोनों अपने अपने घर आ गए.
कॉलेज की अगले दो दिनों की छुट्टी थी.
हम दोनों ने चैट पर बातें की.
मैंने उससे पूछा- किस कैसी लगी?
वो बोली- ये मेरी पहली किस थी.
मैंने भी कहा- हां ये मेरी भी पहली किस ही थी.
उसके बाद यहां वहां की बातें हुईं.
मैंने कहा- यार, अपनी रामकहानी को और आगे बढ़ाएं?
वो- कैसे?
मैंने- मुझे तुझे अपने सीने से लगा कर प्यार करना है, लम्बी क़िस करनी है.
वो बोली- मगर यार … ये सब पार्क में नहीं हो पाएगा.
मैंने कहा- एक रूम बुक करते हैं, वहां हम हग करेंगे और बहुत किस करेंगे.
वो हंस दी और बोली- और कमरे का भाड़ा चुका कर बाहर आ जाएंगे.
मैंने कहा- नहीं यार … पूरा पैसा वसूल करेंगे.
वो बोली- अच्छा पूरा पैसा वसूल कैसे करोगे?
मैंने कहा- खुल कर बता दूँ?
वो नशीली आवाज में बोली- हां बता दो.
मैंने कहा- तुझे चोदकर मजा लेना है.
वो बोली- साले तुझे सिर्फ मजा लेना ही आता है या देना भी आता है?
मैंने कहा- वो तो तू खुद बताएगी कि तुझे मजा आया है कि नहीं.
वो हंस दी.
मैंने कहा- मुझे भी काफी अच्छा लग रहा है.
हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.
फिर मैंने उससे कहा- चलो कुछ खाने चलते हैं.
वो हामी भरती हुई मेरे साथ चल दी.
हम दोनों कॉलेज की कैंटीन में आ गए.
वहां मैंने ऑर्डर दिया.
हम दोनों ने खूब बातें की.
मैंने कहा- यार, क्या हम दोनों अपनी दोस्ती को एक लेवल और ऊपर लेकर चलें.
उसने मेरी तरफ देख कर मुस्कान दे दी मगर कुछ कहा नहीं.
मैं समझ गया और शायद मुझे अब आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.
अभी मैं कुछ कहता कि निक्की ने कहा- क्या सोच रहे हो?
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं, मूवी देखने चलेगी?
उसने कहा- आज नहीं, फिर कभी चलूंगी.
मुझे उदासी तो हुई मगर उसका ये कहना कि फिर कभी चलूंगी … मुझे काफी सुखद लगा.
फिर हम दोनों फंक्शन में आ गए और पास बैठ कर समय बिताने लगे.
दो दिन बाद उसका मैसेज आया ‘आज मूवी देखने चलें?’
मैंने हामी भर दी और कॉलेज से बंक करके हम दोनों मूवी देखने आ गए.
मैंने हॉल में कॉर्नर की सीट बुक की.
वो बहुत खुश थी.
मूवी देखते हुए ही मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा.
उसकी प्रतिक्रिया ठीक थी … मतलब उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ.
मैं डर रहा था कि कहीं हमारी दोस्ती खराब ना हो जाए.
एक मजाक का सीन आया तो उसने खिलखिलाते हुए मुझे कसके पकड़ लिया.
मुझे अच्छा लगा मगर कॉलेज की दोस्ती में ये सब आम होता है.
कुछ देर बाद मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा, वो कुछ नहीं बोली.
मैं उसका हाथ सहलाने लगा.
वो भी मुझे महसूस करती रही.
अब इंटरवल हुआ तो मैं उसके लिए खाने का कुछ लाया.
पांच मिनट बाद मूवी फिर से शुरू हुई. हॉल में अन्धेरा हो गया.
मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा और मूवी देखने लगा.
तभी फिल्म में एक डरावना सीन आया, उसने पूरी तरह से मेरी तरफ झुक कर मुझे अपने गले से लगा लिया और मुझसे कसके चिपक गयी.
मैंने उसकी पीठ पर हाथ से सहलाया.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- डर लग रहा था.
मैंने कहा- इट’स ओके निक्की … ये मूवी है.
इसी तरह से उस दिन मूवी के जरिए हम दोनों में निकटता बढ़ गई.
मूवी खत्म हुई तो हम दोनों बाहर आ गए. हम दोनों ने कुछ खाया फिर मैंने उसे उसके घर के बाहर छोड़ दिया.
रात को चैट हुई तो वो बड़ी खुश लग रही थी.
अगले दिन हम दोनों ने प्लान बनाया कि पार्क में चलेंगे.
हम शाम को पार्क गए थे.
वहां पहुंच कर हम दोनों हाथ में हाथ डाल कर घूम रहे थे.
बहुत अच्छी फीलिंग आ रही थी.
उसने कहा- यार मुझे किस करना है.
मैंने कहा- यहीं कर ले.
वो बोली- नहीं यहां नहीं.
कुछ देर बाद रात हुई तो हम वापस आने लगे.
वो मेरे पीछे बाइक पर दोनों तरफ टांगें डाल कर बैठी थी और मुझसे चिपकी हुई थी.
उसी समय उसने खाली सड़क पर मेरी गर्दन पर अपनी गर्म सांस छोड़ी.
मैंने कहा- बड़ी हॉट लग रही हो.
वो मेरे कान में अपनी गर्म हवा छोड़ती हुई बोली- तू क्या ठंडा है?
ये सुनकर मेरा भेजा घूम गया.
मैंने रास्ते में एक खाली जगह देख कर बाइक रोकी.
वो मुस्कुराई- बाइक क्यों रोकी?
मैंने कहा- उतरो तो यार.
वो बोली- तेरा इरादा क्या है?
मैंने कहा- यहां किस करके बताता हूँ कि मैं भी कितना हॉट हुआ पड़ा हूँ.
वो हंस पड़ी.
हम दोनों ने किस की और एक दूसरे के होंठों का रस चूसा.
फिर हम दोनों अपने अपने घर आ गए.
कॉलेज की अगले दो दिनों की छुट्टी थी.
हम दोनों ने चैट पर बातें की.
मैंने उससे पूछा- किस कैसी लगी?
वो बोली- ये मेरी पहली किस थी.
मैंने भी कहा- हां ये मेरी भी पहली किस ही थी.
उसके बाद यहां वहां की बातें हुईं.
मैंने कहा- यार, अपनी रामकहानी को और आगे बढ़ाएं?
वो- कैसे?
मैंने- मुझे तुझे अपने सीने से लगा कर प्यार करना है, लम्बी क़िस करनी है.
वो बोली- मगर यार … ये सब पार्क में नहीं हो पाएगा.
मैंने कहा- एक रूम बुक करते हैं, वहां हम हग करेंगे और बहुत किस करेंगे.
वो हंस दी और बोली- और कमरे का भाड़ा चुका कर बाहर आ जाएंगे.
मैंने कहा- नहीं यार … पूरा पैसा वसूल करेंगे.
वो बोली- अच्छा पूरा पैसा वसूल कैसे करोगे?
मैंने कहा- खुल कर बता दूँ?
वो नशीली आवाज में बोली- हां बता दो.
मैंने कहा- तुझे चोदकर मजा लेना है.
वो बोली- साले तुझे सिर्फ मजा लेना ही आता है या देना भी आता है?
मैंने कहा- वो तो तू खुद बताएगी कि तुझे मजा आया है कि नहीं.
वो हंस दी.
कॉलेज स्टूडेंट सेक्स के तय प्रोग्राम के अनुसार हम दोनों सुबह कॉलेज के गेट पर मिले और उधर से ही होटल के लिए निकले.
हम दोनों ने ही कॉलेज ड्रेस पहनी हुई थी.
मैंने कहा- इस ड्रेस में होटल में जाएगी, तो तेरे एल लग जाएंगे.
वो बोली- मुझे मालूम है … अभी देख.
उसने एक तरफ ओट में जाकर अपनी सलवार और कुर्ती उतार दी. नीचे उसने जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मैं हंस दिया और उसने भी आंख दबा दी.
मैंने पहले ही रूम बुक किया हुआ था. मैं उसको रूम में ले गया.
रूम में थोड़ा अंधेरा था. मैं काफी उत्तेजित था.
मैंने उसको अपने सीने से लगा लिया.
हम दोनों ने किस करना शुरू कर दी.
मैंने किस करते हुए ही उसकी गर्दन पर किस किया. वो गर्म होती जा रही थी.
किस करते हुए ही मैंने उसके मम्मों पर हाथ फिराया.
उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.
हम दोनों क़िस करने में मस्त हो गए. मैं अपने हाथ उसके हिप्स पर ले गया और उसको गर्दन पर किस कर रहा था.
निक्की गर्म हो रही थी. मैं हल्के हल्के से उसके हिप्स दबा रहा था.
अब मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया.
उसके मस्त दूध मेरे सामने आ गए थे.
मैंने उसके एक निप्पल पर होंठ लगा दिए और चूसने लगा.
अब वो पूरी तरह से गर्म हो गई थी और आह आह करने लगी थी.
मैंने उसका ब्रा समेत टॉप उतार दिया था और दूध चूसते हुए ही उसकी पैंट में हाथ डाल दिया.
वो खुद अपनी पैंट का बटन खोलने लगी.
मैंने उसकी पैंट की चैन को खोल दिया और पैंट उतार दी.
वो पैंटी में एकदम नंगी थी और मस्त माल लग रही थी.
एकदम दूधिया जिस्म, खजुराहो की मूरत सी मस्त अप्सरा सी लग रही थी.
मैंने घुटनों पर बैठ कर उसके पेट पर किस किया. उसने मेरे सिर को पकड़ लिया और आह आह की आवाज़ निकालने लगी.
मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
जब मैंने उसकी चुत देखी, आह बिल्कुल गुलाबी मासूम सी थी. ऐसे जैसी गुलाब की पंखुरियां नम ओस से भीगी हुई हों.
मुझसे रुका ही नहीं गया. जैसे ही मैंने निक्की की चुत पर किस किया, वो सिहर गई.
उसने मुझे रोका- आंह नहीं यार … ये अभी सही नहीं है.
मैंने कहा- निक्की यार तेरी मर्जी के बिना कुछ नहीं होगा.
उसने मेरे बालों में हाथ फेर कर स्माइल दे दी.
मैंने उसकी टांगें खोलीं और चुत चाटने लगा.
वो पागल हो गई और अपने मुँह से बड़बड़ाने लगी- आंह आंह यश क्या कर दिया है … आह मर गई.
कुछ ही पलों में उसकी चुत एकदम गीली हो गई थी.
वो कुंवारी थी और उसकी सील अभी टूटी नहीं थी.
थोड़ी देर बाद वो तेज आंह आंह करती हुई झड़ गई.
अब मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और गले से लगा लिया.
कुछ देर बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरे सीने में किस करती रही.
इसके बाद उसने पैंट उतार दी.
मेरा अंडरवियर उतारी तो मेरा तना हुआ लंड उसके सामने फनफनाने लगा.
वो कड़क लंड देख कर एकदम से डर गयी- आह तेरा इतना बड़ा है यश …. और ये मोटा भी कितना है.
मैंने कहा- यार, मोटा तो लड़कियों को पसंद आता है.
वो लंड पकड़ कर मेरी आंखों में वासना से देखने लगी.
मैंने उससे कहा- यार एक बार इसे प्यार कर न!
वो- नहीं यार … मुझसे नहीं होगा.
मैंने कहा- जब मैंने तेरी चुत चाटी तो तुझे कितना मज़ा आया था, ऐसे ही मुझे भी मजा दे दे न!
वो हंस कर बोली- हां चल तुझे भी मजा दे देती हूँ.
उसने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
जैसे उसने मेरे लंड को मुँह में लिया, मेरी आंखें बंद हो गई थीं.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था … इतना ज्यादा कि पूछो मत यार.
जब वो अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पर लगाती थी तो बहुत मज़ा आ रहा था.
उसने कुछ मिनट तक लंड चूसा, फिर वो हट गई.
मैंने उसके होंठों को किस करना शुरू कर दिया तो उसके मुँह से मेरे लंड का स्वाद मुझे आने लगा.
इसी तरह से हम दोनों आगे बढ़ने लगे.
फिर मैं जैसे ही उसके ऊपर चढ़ा, तो मेरा लंड उसकी चुत से रगड़ खाने लगा.
निक्की की गर्म चुत मेरे लंड को झुलसाने लगी.
मगर मैं उसकी तरफ से चुदाई के लिए रजामंदी सुनने का इंतजार कर रहा था.
एक मिनट बाद वो कहने लगी- आह बस करो यार … अब तड़पाओ नहीं अन्दर आ जाओ.
बस मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया.
मैंने अपना लंड उसकी चुत पर रखा और धक्का दे दिया.
मगर लंड कसी हुई चुत से फिसल गया.
मैंने हल्का सा पीछे हुआ और मैंने उसकी चुत पर थूक लगाया और लंड चुत पर फिर से रख कर हल्का सा झटका दे दिया.
लंड चुत में घुस गया और वो चीख पड़ी. वो कराही- आंह मार दिया … आई … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं रुक गया और उसे किस करने लगा.
वो खुद को छुड़ाने की कोशिश करने में लगी थी.
मैंने कहा- जान, पहली बार दर्द होता है. प्लीज़ कुछ सहन कर लो.
वो चुप हो गई, मैं किस करने लगा.
अब मेरा लंड सीधा उसकी चुत में जाने को रेडी था.
मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चुत में घुसता चला गया.
वो रोने लगी और ज़ोर के चीखने लगी- आह निकाल ले … दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- डार्लिंग होता है पहली बार है तेरा.
वो- नहीं यार, बस निकाल ले.
बेड पर खून लग गया था.
मैंने उसे किस किया और उस पर ऐसे ही लेटा रहा.
थोड़ी देर में वो शांत हो गई.
फिर मैंने हल्के हल्के से झटके देने शुरू कर दिए.
कुछ देर बाद उसने आंखें बंद कर लीं और मुँह से ‘अहहा अहह …’ की आवाजें निकाल रही थी.
मैं समझ गया कि इसको मज़ा आने लगा है.
अब मैंने लंड चुत से बाहर निकाला और लंड पर कंडोम चढ़ा लिया.
अब मैंने उसको फिर से चोदना चालू कर दिया.
वो मजा लेने लगी थी.
फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदा.
बीस मिनट बाद मेरा लावा छूट गया.
मुझे निक्की की सीलपैक को फाड़ने में बहुत मज़ा आया था.
मैंने उसकी चुत को टिश्यू पेपर से साफ किया और थोड़ी देर लेट गए.
कुछ देर बाद वो मुस्कुरा कर बोली- पैसे वसूल हो गए या अभी और वसूली करना बाकी है?
मैंने कहा- तू बता?
वो बोली- अभी कुछ वसूलना बाकी लग रहा है.
मैं समझ गया और फिर से उसकी चुदाई शुरू हो गई.
इस बार उसने मेरे लंड की सवारी की.
मुझे निक्की को चोद कर बहुत अच्छा लगा.
उसने मुझसे कहा- मुझे लव करते रहोगे ना?
मैंने कहा- हां मेरी जान … तुझसे शादी भी करूंगा.
वो मुझसे लिपट गई.
सौतेली बहन को चोदकर अपने लौड़े की गर्मी शांत की
हम दोनों ने ही कॉलेज ड्रेस पहनी हुई थी.
मैंने कहा- इस ड्रेस में होटल में जाएगी, तो तेरे एल लग जाएंगे.
वो बोली- मुझे मालूम है … अभी देख.
उसने एक तरफ ओट में जाकर अपनी सलवार और कुर्ती उतार दी. नीचे उसने जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मैं हंस दिया और उसने भी आंख दबा दी.
मैंने पहले ही रूम बुक किया हुआ था. मैं उसको रूम में ले गया.
रूम में थोड़ा अंधेरा था. मैं काफी उत्तेजित था.
मैंने उसको अपने सीने से लगा लिया.
हम दोनों ने किस करना शुरू कर दी.
मैंने किस करते हुए ही उसकी गर्दन पर किस किया. वो गर्म होती जा रही थी.
किस करते हुए ही मैंने उसके मम्मों पर हाथ फिराया.
उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.
हम दोनों क़िस करने में मस्त हो गए. मैं अपने हाथ उसके हिप्स पर ले गया और उसको गर्दन पर किस कर रहा था.
निक्की गर्म हो रही थी. मैं हल्के हल्के से उसके हिप्स दबा रहा था.
अब मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया.
उसके मस्त दूध मेरे सामने आ गए थे.
मैंने उसके एक निप्पल पर होंठ लगा दिए और चूसने लगा.
अब वो पूरी तरह से गर्म हो गई थी और आह आह करने लगी थी.
मैंने उसका ब्रा समेत टॉप उतार दिया था और दूध चूसते हुए ही उसकी पैंट में हाथ डाल दिया.
वो खुद अपनी पैंट का बटन खोलने लगी.
मैंने उसकी पैंट की चैन को खोल दिया और पैंट उतार दी.
वो पैंटी में एकदम नंगी थी और मस्त माल लग रही थी.
एकदम दूधिया जिस्म, खजुराहो की मूरत सी मस्त अप्सरा सी लग रही थी.
मैंने घुटनों पर बैठ कर उसके पेट पर किस किया. उसने मेरे सिर को पकड़ लिया और आह आह की आवाज़ निकालने लगी.
मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
जब मैंने उसकी चुत देखी, आह बिल्कुल गुलाबी मासूम सी थी. ऐसे जैसी गुलाब की पंखुरियां नम ओस से भीगी हुई हों.
मुझसे रुका ही नहीं गया. जैसे ही मैंने निक्की की चुत पर किस किया, वो सिहर गई.
उसने मुझे रोका- आंह नहीं यार … ये अभी सही नहीं है.
मैंने कहा- निक्की यार तेरी मर्जी के बिना कुछ नहीं होगा.
उसने मेरे बालों में हाथ फेर कर स्माइल दे दी.
मैंने उसकी टांगें खोलीं और चुत चाटने लगा.
वो पागल हो गई और अपने मुँह से बड़बड़ाने लगी- आंह आंह यश क्या कर दिया है … आह मर गई.
कुछ ही पलों में उसकी चुत एकदम गीली हो गई थी.
वो कुंवारी थी और उसकी सील अभी टूटी नहीं थी.
थोड़ी देर बाद वो तेज आंह आंह करती हुई झड़ गई.
अब मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और गले से लगा लिया.
कुछ देर बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरे सीने में किस करती रही.
इसके बाद उसने पैंट उतार दी.
मेरा अंडरवियर उतारी तो मेरा तना हुआ लंड उसके सामने फनफनाने लगा.
वो कड़क लंड देख कर एकदम से डर गयी- आह तेरा इतना बड़ा है यश …. और ये मोटा भी कितना है.
मैंने कहा- यार, मोटा तो लड़कियों को पसंद आता है.
वो लंड पकड़ कर मेरी आंखों में वासना से देखने लगी.
मैंने उससे कहा- यार एक बार इसे प्यार कर न!
वो- नहीं यार … मुझसे नहीं होगा.
मैंने कहा- जब मैंने तेरी चुत चाटी तो तुझे कितना मज़ा आया था, ऐसे ही मुझे भी मजा दे दे न!
वो हंस कर बोली- हां चल तुझे भी मजा दे देती हूँ.
उसने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
जैसे उसने मेरे लंड को मुँह में लिया, मेरी आंखें बंद हो गई थीं.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था … इतना ज्यादा कि पूछो मत यार.
जब वो अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पर लगाती थी तो बहुत मज़ा आ रहा था.
उसने कुछ मिनट तक लंड चूसा, फिर वो हट गई.
मैंने उसके होंठों को किस करना शुरू कर दिया तो उसके मुँह से मेरे लंड का स्वाद मुझे आने लगा.
इसी तरह से हम दोनों आगे बढ़ने लगे.
फिर मैं जैसे ही उसके ऊपर चढ़ा, तो मेरा लंड उसकी चुत से रगड़ खाने लगा.
निक्की की गर्म चुत मेरे लंड को झुलसाने लगी.
मगर मैं उसकी तरफ से चुदाई के लिए रजामंदी सुनने का इंतजार कर रहा था.
एक मिनट बाद वो कहने लगी- आह बस करो यार … अब तड़पाओ नहीं अन्दर आ जाओ.
बस मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया.
मैंने अपना लंड उसकी चुत पर रखा और धक्का दे दिया.
मगर लंड कसी हुई चुत से फिसल गया.
मैंने हल्का सा पीछे हुआ और मैंने उसकी चुत पर थूक लगाया और लंड चुत पर फिर से रख कर हल्का सा झटका दे दिया.
लंड चुत में घुस गया और वो चीख पड़ी. वो कराही- आंह मार दिया … आई … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं रुक गया और उसे किस करने लगा.
वो खुद को छुड़ाने की कोशिश करने में लगी थी.
मैंने कहा- जान, पहली बार दर्द होता है. प्लीज़ कुछ सहन कर लो.
वो चुप हो गई, मैं किस करने लगा.
अब मेरा लंड सीधा उसकी चुत में जाने को रेडी था.
मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चुत में घुसता चला गया.
वो रोने लगी और ज़ोर के चीखने लगी- आह निकाल ले … दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- डार्लिंग होता है पहली बार है तेरा.
वो- नहीं यार, बस निकाल ले.
बेड पर खून लग गया था.
मैंने उसे किस किया और उस पर ऐसे ही लेटा रहा.
थोड़ी देर में वो शांत हो गई.
फिर मैंने हल्के हल्के से झटके देने शुरू कर दिए.
कुछ देर बाद उसने आंखें बंद कर लीं और मुँह से ‘अहहा अहह …’ की आवाजें निकाल रही थी.
मैं समझ गया कि इसको मज़ा आने लगा है.
अब मैंने लंड चुत से बाहर निकाला और लंड पर कंडोम चढ़ा लिया.
अब मैंने उसको फिर से चोदना चालू कर दिया.
वो मजा लेने लगी थी.
फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदा.
बीस मिनट बाद मेरा लावा छूट गया.
मुझे निक्की की सीलपैक को फाड़ने में बहुत मज़ा आया था.
मैंने उसकी चुत को टिश्यू पेपर से साफ किया और थोड़ी देर लेट गए.
कुछ देर बाद वो मुस्कुरा कर बोली- पैसे वसूल हो गए या अभी और वसूली करना बाकी है?
मैंने कहा- तू बता?
वो बोली- अभी कुछ वसूलना बाकी लग रहा है.
मैं समझ गया और फिर से उसकी चुदाई शुरू हो गई.
इस बार उसने मेरे लंड की सवारी की.
मुझे निक्की को चोद कर बहुत अच्छा लगा.
उसने मुझसे कहा- मुझे लव करते रहोगे ना?
मैंने कहा- हां मेरी जान … तुझसे शादी भी करूंगा.
वो मुझसे लिपट गई.
सौतेली बहन को चोदकर अपने लौड़े की गर्मी शांत की
इसी तरह से हमारा प्यार परवान चढ़ता गया और हम दोनों ने कॉलेज के बाद लाइफ सैट की.
फिर हमने शादी कर ली.
शादी से पहले हम दोनों ने बहुत बार चुदाई का मजा लिया.