पति के चाचा ने मुझे जम कर चोदा
मेरी शादी के दो साल बाद की बात है| उस वक्त मैं 22 साल की थी| मेरी फिगर तब 34-30-36 की थी| दूध जैसी गोरी त्वचा थी|
मेरे पति से मैं बिल्कुल भी खुश नहीं थी, लेकिन मेरी माँ अकेली थी, पापा नहीं थे, तो मैं जैसे भी करके निभा रही थी| महीने में या दो महीने में एकाध बार मेरा पति मुझे चोदता था| जिससे मेरी तृप्ति नहीं हो पाती थी| बल्कि यूं कहूं कि पति का लंड मेरी चूत के अन्दर कभी गया ही नहीं था, बस वो ऊपर से ही पुल्ल पुल्ल करके अपना माल गिरा कर लुढ़क जाता था|
मेरे पति के एक चाचा हैं, जो दूसरे शहर में रहते हैं| उनकी उम्र उस समय करीब 59 साल की थी| उनके बच्चे वगैरह सब लोग अमेरीका में रहते थे, भारत में सिर्फ़ चाचाजी आंटी रहते थे|
हुआ यूं कि एक दिन चाचाजी का फोन मेरे पति के पास आया| वे बोले- बेटा, तेरी आंटी बाथरूम में गिर गई हैं, सो फ्रैक्चर हो गया है| वे हॉस्पिटल में हैं और उनका ऑपरेशन हुआ है| तू तो जानता है, मैं अकेला ये सब किस तरह से संभाल सकूँगा| तू अगर शालिनी को थोड़े दिन के लिए यहां भेज देता, तो अच्छा होता|
ये बात मुझे मेरे पति ने बोली, तो मैंने तुरंत बोल दिया- ये तो हमारा फर्ज़ है, मुझे जाना चाहिए और जब तक आंटी ठीक ना हो जाएं, मुझे वहां रहना चाहिए|
मेरे पति ने तुरंत फोन करके बोल दिया- चाचाजी मैं आज ही शालिनी को वहां छोड़ जाता हूँ| आप चिंता मत करो|
मेरे पति से मैं बिल्कुल भी खुश नहीं थी, लेकिन मेरी माँ अकेली थी, पापा नहीं थे, तो मैं जैसे भी करके निभा रही थी| महीने में या दो महीने में एकाध बार मेरा पति मुझे चोदता था| जिससे मेरी तृप्ति नहीं हो पाती थी| बल्कि यूं कहूं कि पति का लंड मेरी चूत के अन्दर कभी गया ही नहीं था, बस वो ऊपर से ही पुल्ल पुल्ल करके अपना माल गिरा कर लुढ़क जाता था|
मेरे पति के एक चाचा हैं, जो दूसरे शहर में रहते हैं| उनकी उम्र उस समय करीब 59 साल की थी| उनके बच्चे वगैरह सब लोग अमेरीका में रहते थे, भारत में सिर्फ़ चाचाजी आंटी रहते थे|
हुआ यूं कि एक दिन चाचाजी का फोन मेरे पति के पास आया| वे बोले- बेटा, तेरी आंटी बाथरूम में गिर गई हैं, सो फ्रैक्चर हो गया है| वे हॉस्पिटल में हैं और उनका ऑपरेशन हुआ है| तू तो जानता है, मैं अकेला ये सब किस तरह से संभाल सकूँगा| तू अगर शालिनी को थोड़े दिन के लिए यहां भेज देता, तो अच्छा होता|
ये बात मुझे मेरे पति ने बोली, तो मैंने तुरंत बोल दिया- ये तो हमारा फर्ज़ है, मुझे जाना चाहिए और जब तक आंटी ठीक ना हो जाएं, मुझे वहां रहना चाहिए|
मेरे पति ने तुरंत फोन करके बोल दिया- चाचाजी मैं आज ही शालिनी को वहां छोड़ जाता हूँ| आप चिंता मत करो|
मैंने भी एक घंटे में मेरा सामान पैक कर लिया| मैंने चार साड़ी दो नाईटी, ब्रा पेंटी ब्लाउज पेटीकोट तौलिया वगैरह रख लिया| फिर मैं अपने पति के साथ चल दी| करीब 4 बजे हम दोनों वहां पहुंच गए|
चाचा घर पर ही थे, हम दोनों अन्दर गए और चाचा के पैर छुए|
फिर आंटी के बारे में सब बात की, तो चाचाजी ने मेरे पति को बोला कि तुमने आज मेरे पर अहसान किया, जो शालिनी को यहां लेकर आ गया|
मैंने बोला- अरे चाचा जी … आप ये सब छोड़िए|
चाचा जी मेरी तरफ प्यार से देखने लगे|
मैंने पति से कहा- आप हॉस्पिटल जाकर आंटी को देख कर घर लौट जाओ| रात हो जाएगी, तो देर हो जाएगी| मैं तो बाद में चाचाजी के साथ शाम को जाकर उन्हें देख लूँगी|
मेरा पति चला गया| अब घर में मैं और चाचाजी ही थे|
मैंने पूछा- चाचाजी, आंटी का टिफिन बनाना है?
तो चाचाजी ने बताया- अरे नहीं बेटा, वहां हॉस्पिटल में सब उसे मिलता है और रात में वहां किसी को रुकने की भी अनुमति नहीं है| हम जाकर सिर्फ़ उसे देख कर 9 बजे तक वापस आ जाएंगे| तुम सिर्फ़ हम दोनों का खाना बनाना|
मैंने कहा- ओके|
चाचाजी- चलो बेटा, किचन में मैं तुझे सब दिखा देता हूँ|
हम दोनों किचन में आ गए चाचाजी ने मुझे फ़्रिज़ में रखा सब सामान दिखाया|
‘ये सब सब्जी है, यहां सब मसाला रखा है … देखो|’
मैंने बोला- ओके मैंने सब देख लूंगी| आज रात आप क्या खाओगे चाचाजी?
चाचाजी बोले- आज रहने दो, तुम थक कर आई हो, अभी हम दोनों हॉस्पिटल से आते टाइम कुछ ले आएंगे, वही खा लेंगे|
मैंने बोला- ओके|
मेरे पति के चाचाजी आर्मी से रिटायर्ड थे, सो उनकी बॉडी एकदम फिट थी| चाचाजी आज भी एक्सर्साइज़ करते हैं|
फिर 7 बजे चाचाजी ने मुझसे कहा- बेटा कार ले लूँ या तू मेरे साथ बुलेट पे चलेगी| हॉस्पिटल यहां से 5 किलोमीटर दूर ही है|
चाचा घर पर ही थे, हम दोनों अन्दर गए और चाचा के पैर छुए|
फिर आंटी के बारे में सब बात की, तो चाचाजी ने मेरे पति को बोला कि तुमने आज मेरे पर अहसान किया, जो शालिनी को यहां लेकर आ गया|
मैंने बोला- अरे चाचा जी … आप ये सब छोड़िए|
चाचा जी मेरी तरफ प्यार से देखने लगे|
मैंने पति से कहा- आप हॉस्पिटल जाकर आंटी को देख कर घर लौट जाओ| रात हो जाएगी, तो देर हो जाएगी| मैं तो बाद में चाचाजी के साथ शाम को जाकर उन्हें देख लूँगी|
मेरा पति चला गया| अब घर में मैं और चाचाजी ही थे|
मैंने पूछा- चाचाजी, आंटी का टिफिन बनाना है?
तो चाचाजी ने बताया- अरे नहीं बेटा, वहां हॉस्पिटल में सब उसे मिलता है और रात में वहां किसी को रुकने की भी अनुमति नहीं है| हम जाकर सिर्फ़ उसे देख कर 9 बजे तक वापस आ जाएंगे| तुम सिर्फ़ हम दोनों का खाना बनाना|
मैंने कहा- ओके|
चाचाजी- चलो बेटा, किचन में मैं तुझे सब दिखा देता हूँ|
हम दोनों किचन में आ गए चाचाजी ने मुझे फ़्रिज़ में रखा सब सामान दिखाया|
‘ये सब सब्जी है, यहां सब मसाला रखा है … देखो|’
मैंने बोला- ओके मैंने सब देख लूंगी| आज रात आप क्या खाओगे चाचाजी?
चाचाजी बोले- आज रहने दो, तुम थक कर आई हो, अभी हम दोनों हॉस्पिटल से आते टाइम कुछ ले आएंगे, वही खा लेंगे|
मैंने बोला- ओके|
मेरे पति के चाचाजी आर्मी से रिटायर्ड थे, सो उनकी बॉडी एकदम फिट थी| चाचाजी आज भी एक्सर्साइज़ करते हैं|
फिर 7 बजे चाचाजी ने मुझसे कहा- बेटा कार ले लूँ या तू मेरे साथ बुलेट पे चलेगी| हॉस्पिटल यहां से 5 किलोमीटर दूर ही है|
मैंने बोला- मुझे कैसे भी चलेगा|
उन्होंने अपनी बुलेट निकाली, मैं साड़ी में थी, स्लीवलैस ब्लाउस पहना हुआ था| मैं उनके पीछे बैठ गई|
हम हॉस्पिटल एक घंटे रुके, फिर मरीज देखने का समय खत्म हुआ, तो मैं और चाचाजी वापस घर आने को निकले| हम थोड़ी दूर ही आ पाए थे कि बारिश शुरू हो गई| ये बारिश का टाइम था| पहले धीमे धीमे पानी गिरा, फिर अचानक एकदम ज़ोर से बारिश शुरू हो गई|
हम दोनों पूरी भीग गए थे| मैं ठंड से एकदम कांप रही थी|
चाचाजी ने बोला- शालिनी मुझे कसके पकड़ कर बैठना, ये बारिश में पानी के कारण रोड पर कहीं गड्डा हुआ, तो दिक्कत हो जाएगी|
मैं उनसे चिपक कर बैठ गई| हम खाना भी नहीं ले पाए और घर चले आए| घर आए, तो देखा कि बिजली चली गई थी| उन्होंने जल्दी एक इमरजेंसी बिजली चालू की| उसमें उन्होंने मेरा पूरा भीगा बदन देखा| मेरे ब्लाउज में से पिंक ब्रा पूरी दिख रही थी| मैं चाचाजी से चिपक कर बैठी थी, तो मेरी पेंटी चूत के रस से पूरी गीली हो गई थी|
मैं कांप रही थी|
चाचाजी ने बोला- अरे शालिनी, तुझे ठंड लग जाएगी, जल्दी जा बाथरूम में और कपड़े बदली कर ले|
मैंने बोला- चाचाजी आप भी तो भीगे हो, आप भी कपड़े चेंज कर लो|
हम दोनों उनके बेडरूम में आ गए| चाचाजी का बेडरूम आलीशान था| मैं बाथरूम में गई|
मैंने बोला- अरे मेरा बैग तो नीचे ही रह गया है|
चाचाजी बोले- तुम चिंता मत करो, मैं अभी लेकर आता हूँ, तुम तब तक कपड़े निकाल कर तौलिया से अपना बदन साफ करो|
मैं बाथरूम में नंगी हो गई|
उतने में चाचाजी ने आवाज देकर कहा- बेटा ये बैग लेकर आया हूँ| अब बोलो मैं तुमको क्या कपड़े दे दूँ?
मैं शरमाई, लेकिन बोली- चाचाजी नाइटवियर में से कुछ भी दे दीजिए|
चाचाजी ने एक काली ब्रा पेंटी और मरून नाइटी निकाल कर कहा- दरवाजा खोलो शालिनी|
मैंने थोड़ा सा दरवाजा खोल कर अपना हाथ निकाल कर चाचाजी से कपड़े ले लिए| दो मिनट बाद मैं नाइटी पहन कर बाहर आ गई| मेरे बाल भीगे हुए थे|
चाचाजी बोले- शालिनी ड्रेसिंग टेबल की ड्रावर में हेयर ड्रायर होगा, बाल सुखा लो, वरना सर्दी लग जाएगी|
मैंने बोला- आप जल्दी जाकर चेंज कर लीजिएगा|
वो बाथरूम में चले गए| फिर वो सिर्फ़ एक बरमूडा और बनियान पहन कर बाहर आ गए| उनकी छाती एकदम कसी हुई थी| उनकी बांहों में एकदम मर्द जैसा जिस्म देख कर मेरा मन डोलने लगा था|
मैंने बोला- चाचाजी मैं अदरक वाली चाय बना लाऊं, ठंड में आपको अच्छी लगेगी|
चाचाजी हंसते हुए बोले- मैं ठंड में चाय नहीं लेता हूँ शालिनी, मैं व्हिस्की लेता हूँ, तुम पीती हो क्या? मैं तो आर्मी वाला हूँ, मुझे तो एक पैग रोज चाहिए होता है|
मैंने ना बोला तो चाचाजी ने बोला- ठीक है, तुम अपने लिए चाय बना लो और पी लो|
कुछ देर बाद मैंने उनसे खाने के बारे में पूछा, तो बोले- थोड़ा कुछ ऑमलेट वगैरह बना लो| फ़्रिज़ में ब्रेड अंडे होंगे … तुम भी खा लेना|
मैंने बोला- चाचाजी मैं रात में सिर्फ़ एक गिलास दूध और थोड़े फ्रूट्स खाती हूँ|
चाचाजी हंसते हुए बोले- ओह मेंटेन करती हो अपनी फिगर … ठीक है फ़्रिज़ में सेब हैं|
मैंने उनके लिए ऑमलेट बनाया| मैंने सेब और दूध ले लिया|
चाचाजी बोले- शालिनी अब चलो सोने जाते हैं| मेरे बगल वाला कमरे में तुम्हें चलेगा?
मैंने हां बोला … और हम दोनों अपने अपने रूम में आ गए| लेकिन मुझे उनका बदन देख कर चुदास चढ़ रही थी| मैं इस बारिश के मस्त मौसम में चाचाजी से चुदवाना चाहती थी| मुझे नींद नहीं आ रही थी| मैंने सोच रही थी कि क्या करूं, जिससे मैं उनके साथ मज़ा ले सकूँ|
इतने में अचानक बिजली चली गई, तो अंधेरा हो गया| मुझे डर लगने का बहना मिल गया|
मैं रूम खोल कर धीरे से आवाज देकर बोली- चाचाजी बिजली चली गई है, मुझे अकेले सोने में डर लगता है| आप कहां हैं| अँधेरे में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है|
उन्होंने जैसे ही दरवाजा खोला, मैं जानबूझ कर उनसे टकरा गई| मैंने ऐसा शो किया, जैसे मुझे अंधेरे में कुछ ना दिखा हो| मेरे चुचे एकदम से उनकी छाती से दब गए| मुझे बड़ा कामुक महसूस हुआ| वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने रूम में लेकर आ गए| उनके पास एक इमरजेंसी लाईट थी, वो चालू की| उसमें से थोड़ी बिजली आ रही थी|
मैंने देखा कि चाचाजी अभी सिर्फ़ बरमूदा में थे, उन्होंने ऊपर कुछ नहीं पहना था| उन्होंने कहा- बेटा, तुम्हें अकेले डर लगता है, तो तुम यहां मेरे पास ही सो जाओ|
मैं भी खुश होकर सोने का नाटक करने लगी| कुछ मिनट बाद मैं बेड पर पसर गई और उनके पैर के ऊपर अपने पैर रख दिए| मैंने रिएक्ट किया, जैसे मैं सो गई हूँ| मैं यूं ही बिंदास पड़ी रही| मेरी नाइटी भी मेरी जांघ तक सिमट आई थी|
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से देखा, वो मेरे बदन को देख रहे थे| अब उन्होंने धीरे से अपना एक पैर मेरे दोनों पैरों के बीच में फंसा कर धीरे से उसे मेरी चूत लाए और पैर से सहलाने लगे|
ये देख कर कुछ पल बाद मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया और उनसे चिपक गई| चाचाजी ने मुझे अपने करीब कर लिया|
मैंने महसूस किया कि उनका लंड एकदम सख्त हो गया था| वो मुझे अपने पेट पर महसूस हो रहा था|
अब उन्होंने मुझे किस की और मेरे मम्मों को दबाने लगे| मैं भी उनको सहयोग देने लगी|
जैसे मैं नींद में थी और अब जाग गई हूँ, मैं वैसा दिखावा करके जागी| मैंने अब खुल कर बोला- चाचाजी मैं प्यासी हूँ, आज मुझे खुश कर दो|
उन्होंने बोला- बेटा यह क्या कह रही हो? क्यों मेरा बेटा खुश नहीं करता?
मैंने बोला- नहीं … उससे बराबर नहीं होता| हम दोनों ने एक दो डॉक्टर्स को भी दिखाया, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ|
फिर उन्होंने मुझे खुलकर कहा कि तुमने शादी से पहले किसी के साथ सेक्स किया था?
मैंने ना बोला, तो चाचाजी ने बोला- फिर फर्स्ट नाइट में तुम्हें मज़ा कैसे आया होगा?
मैंने बोला- फर्स्ट नाइट को वो अन्दर डाल ही नहीं पाए थे| उनको छेद मिल ही नहीं रहा था| तीन दिन बाद अन्दर गया था और दो मिनट में ही उनका काम हो गया था|
चाचाजी बोले- अरे साला गधा … हमारे खानदान का नाम खराब करेगा|
मैं चाचाजी को किस करने लगी|
उन्होंने बोला- ठीक है अभी देखो 9|30 बजे हैं| मेरा एक दोस्त डॉक्टर है| मैं उसे बुला कर तेरा थोड़ा चैकअप करवा के फिर देखते हैं ओके|
उन्होंने उनके दोस्त को कॉल किया- यार मेरी एक बहू है, उसे थोड़ा चैक करना है, क्लिनिक से जाते वक्त घर होकर जाना|
उनके दोस्त ने शायद हां कह दिया था|
फिर चाचाजी ने मुझसे बोला- वो 15 मिनट में आएगा, तुम यहीं रहो| मैं नीचे जाकर उसे लेकर आता हूँ|
जब वो डॉक्टर साब आए, तो उन्होंने उससे बोला कि उसकी सील टूटी है कि नहीं, ये चैक करना है| ये मेरे बेटे की बहू है … मुझे शक है, इसलिए तू उसे कुछ मत बताना ओके|
वो दोनों ऊपर आ गए|
चाचाजी ने बोला- बेटा ये अंकल तुम्हें चैक करेंगे|
चाचाजी रूम से चले गए|
डॉक्टर ने मुझसे बोला- बेटी कपड़े उतारो … मुझे तुम्हें चैक करना है|
उन्होंने मेरी चुत में कुछ इंस्ट्रूमेंट डाला और चुत को खोलकर देखा| वो बार बार अन्दर डाल कर देखते थे| उन्होंने मेरे निप्पल को भी दबाकर देखा| फिर वो चले गए|
मैंने दोनों को बाहर बातें करते हुए सुना कि इसको कितने साल हुए शादी को|
चाचाजी बोले- दो साल|
वो बोले- अभी तक उसकी सील तो टूटी नहीं है … क्या किया होगा तेरे भतीजे ने|
चाचाजी उनको बाहर छोड़ कर मेरे पास आए और बोले- शालिनी बुरा मत मानना, लेकिन तुम्हारी अभी तक सील नहीं टूटी है| बच्चा कहां से पैदा होगा| तुम चाहो तो आज मैं वो काम कर दूँ?
मैंने हां में इशारा किया, फिर उन्होंने कहा- शालिनी ये समझो कि आज ही तुम्हारी फर्स्ट नाइट होगी| उसमें भी मेरा लंड बहुत लम्बा और मोटा है, तो तुमको दर्द होगा और सील टूटने की वजह से ब्लीडिंग भी होगी, सहन कर पाओगी?
मैंने हां बोला|
अब वो धीरे से मेरे पास आ गए और मुझे नंगी कर दिया| मेरे निप्पल मैंने खुद उनके मुँह में डाल दिए और उनके होंठों के बीच में निप्पल दबवा कर चुसवाने लगी|
उन्होंने मेरे बदन को अपने बदन में जैसे समा लिया था| चाचाजी अपनी एक उंगली मेरी चुत में डाल कर हिला रहे थे| मैं वासना से पागल हो रही थी| वो एकदम ज़ोर से मेरे जिस्म का मज़ा ले रहे थे|
फिर उन्होंने बोला- शालिनी तुम मेरे ऊपर आ जाओ … और मेरा लंड अपने मुँह में ले लो| अपनी चुत भी तुम मेरे मुँह पर रख दो|
मैं वैसे होकर उनका लंड चूसने लगी|
चाचाजी का लंड करीब 8 इंच लम्बा और 3 इंच ही मोटा था| चाचाजी मेरी चुत को चूस रहे थे| मेरी चुत ने एक बार उनके मुँह पर ही पानी छोड़ दिया था| वो मेरी चूत का पूरा रस पी गए थे|
मैंने उनका लंड चूस कर एकदम कड़क कर दिया था| अब मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी थी- आ जाओ … मेरे ऊपर मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है … जल्दी डालो अन्दर प्लीज़|
फिर चाचाजी मेरे ऊपर आकर अपना लंड मेरी चुत में डालने की कोशिश करने लगे| उनके लंड का सुपारा अन्दर जाते ही मैं ज़ोर से चिल्ला दी- आह मर गई|
उन्होंने रुक कर फिर एक ज़ोर से झटका दे दिया| इस झटके में चाचाजी ने अपना पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दिया था| मैं बेहोश जैसी हो गई थी| मेरी चुत तो जैसे फट गई थी| वैसा मुझे लगने लगा था| मुझे जलन भी हो रही थी|
उन्होंने अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना शुरू कर दिया| चाचाजी मेरी चूत चुदाई करते समय मेरी मम्मों को भी चूस रहे थे| वे बीच बीच में निप्पल को मुँह में दबाते हुए हल्के से काट भी लेते थे|
कुछ देर बाद मुझे चाचाजी से चुदने में मजा आने लगा था|
उन्होंने मुझे करीब 20 मिनट तक चोदा| फिर एकदम तेज होकर ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करने लगे| उन्होंने ज़ोर ज़ोर से आवाज़ करते हुए कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… शालिनी … अब मेरा पानी निकलने वाला है|
इतना कहते ही चाचाजी झड़ने लगे| उन्होंने पूरा पानी मेरी चुत में डाल दिया और मेरे ऊपर ही ढेर हो गए|
कोई 15 मिनट बाद फिर हम दोनों बेड से उठे, देखा तो पूरी बेडशीट में मेरा खून निकला हुआ था| उनके रस के साथ भी खून था|
चाचाजी हंसते हुए बोले- आज तुम औरत बन सकी हो| मैंने तेरी सील तोड़ी, इसकी ये निशानी है|
मैं उनसे चिपक गई|
मैंने बेडशीट धुलने डाल दी, फिर ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में लेट गए|
एक घंटे बाद उन्होंने मुझसे बोला- एक बारे और करने में मज़ा आएगा|
मैं तो चुदासी थी ही|
उन्होंने मुझे चूसना सहलाना चालू कर दिया| मैं उनका लंड पकड़ कर सहलाने लगी| इस बार चाचाजी ने मुझे पूरा आधे घंटे तक चोदा| फिर अपने लंड का पानी मेरी चुत में ही निकाला|
इसके बाद हम दोनों नंगे ही सो गए|
करीब 6 बजे सुबह हम दोनों उठे| हम दोनों नंगे ही एक दूसरे की बांहों में लिपटे हुए सोए थे|
मैंने चाचाजी को उठाने के लिए अपने होंठों से उनके लंड को किस की, फिर धीरे से लंड को मुँह में ले लिया| वो एकदम से जाग गए और बोले- गुड मॉर्निंग डार्लिंग … वाह तुमने तो मेरा मूड बना दिया| अभी सुबह में तो चुदाई का मज़ा ही कुछ और होता है|
बस उन्होंने मुझे फिर से चोदा| इस बार भी चाचाजी ने मुझे काफी देर तक पेला|
फिर हम दोनों नहा कर फ्रेश हुए| सोफे पर बैठ कर मैंने चाचाजी के साथ चाय नाश्ता किया|
चाचाजी ने बोला- शालिनी तेरी लास्ट पीरियड कब हुई थी|
मैंने बोला- अभी 5 दिन हुए हैं|
वो मुस्कुराते हुए बोले- फिर तो अब तुम यहां से प्रेगनेंट होकर ही जाओगी|
मैं भी मुस्कुराते हुए उनकी बांहों में समा गई|
यह ससुर बहू चुदाई पूरे एक महीना चली|
आंटी ठीक होकर घर आ गईं, तभी मेरा चाचाजी के घर से जाना हुआ|
अगले महीने मेरा पीरियड नहीं हुआ| मैंने चैक करवाया, तो डॉक्टर ने बोला- शालिनी तुम माँ बनने वाली हो|
मैं खुश हो गई| जब हज़्बेंड जॉब पे गया, तो मैंने चाचाजी को कॉल करके बोला- चाचाजी आप बाप बनने वाले हो|
वो भी खुश हुए| उन्होंने बोला- मिठाई खिलाना … ये मेरा बेटा है|
इस तरह मेरा बेटा मेरे चाचा ससुर के लंड से पैदा हुआ है|