टीचर की कुँवारी बीवी गीतिका की चुदाई
हेलो दोस्तो मेरा नाम नीलेश है. और मेरी उमर 22 साल और मैं हिमाचल से हूँ. मैने आज से पहले बहुत सारी कहानिया पड़ी और बहुत मुठ मारी. मैं जब भी किसी की कहानी पढ़ता था और मुठ मारता था. तो मैं सिर्फ़ एक बात ही सोचता था की काश मैं भी कोई कहानी लिखूं जिसे पढ़ कर और भी लोग मुठ मारे. और जैसे मैं खूब मज़े लेता हूँ. आप सब भी मेरी कहानी को पढ़ कर खूब मज़े ले. दोस्तो भगवान ने आख़िरकार मुझे ये मोका दे ही दिया. पिछले महीने मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे मैने अपनी जिंदगी की पहली चुदाई कर ली. और आज वो ही पहली चुदाई की कहानी को मैं आप सब के सामने पेश करने जा रहा हूँ. मुझे पूरी उमीद है आप को मेरी आज की ये पहली कहानी बहुत पसंद आएगी. और लड़के अपने लंड को हिला कर उसका पानी निकालने पर मजबूर हो जाएगें. और लड़किया अपनी गीली चूत मे अपनी उंगलिया डाल कर अपनी चूत का रस्स बाहर निकालने पर मजबूर हो जाएँगी. ये कहानी आप gandikahani.in पर पढ़ रहे है.
तो चलिए दोस्त अब कहानी शुरू करते है.
तो चलिए दोस्त अब कहानी शुरू करते है.
दोस्तो मैं बी.टेक के 1स्ट ईयर मे हूँ. और मैने नॉन मेडिकल से +2 की थी. जिस वजह से मुझे सीधा बी.टेक मे एड्मिशन मिल गया. कॉलेज की पढ़ाई मेरे लिए आसान नही थी. पर मैने जैसे तैसे सारे सब्जेक्ट तो अच्छे से समझ लिए. पर मुझे मैथ्स बिल्कुल समझ नही आ रहा था. इस लिए मैने मम्मी पापा से पूछ कर मैथ्स की ट्यूशन लगा ली. मैने अपने कॉलेज के मैथ्स टीचर के पास ही ट्यूशन लगा ली थी.
क्योकि अगर आप अपने ही टीचर के पास ट्यूशन रखते है. तो वो आप को अच्छे से और टेस्ट या एक्साम्स मे आने वाले क्वेस्चॅन ही करवाते है. और प्रैक्टिकल और वैवा मे आपके अच्छे नंबर अपने आप ही लगा देते है. इसलिए मैं जान कर अपनी क्लास मैथ्स टीचर के पास अपनी ट्यूइशन लगाई थी. मेरे मैथ्स टीचर की उमर करीब 40 साल होगी. वो हमे अपने घर पर ही ट्यूइशन पढ़ाते थे. उनके घर मे वो और उनकी वाइफ ही रहती थी. उनकी वाइफ दिखने मे बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी. दिखने मे वो सर की बेटी लगती थी. शायद सर ने अपने काफ़ी छोटी उमर वाली लड़की से शादी की थी. उनका नाम गीतिका था. जितना सेक्सी उनका नाम था उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी वो थी. वो मुझे बहुत पसंद थी उसको चोदने के सपने मैं दिन और रात लेता था. मैं अपने दिल मे भगवान का लाख बार शुक्रिया करता था. की उन्होने मुझे यहा पर ट्यूशन पढ़ने का एक मोका दिया. दोस्तो अगर मैं आप को गीतिका के बारे मे थोड़ा सा डीटेल मे बताऊ तो आपका भी एक दम खड़ा हो जाएगा. गीतिका की उमर 28 साल है और उसका रंग एक दम गोरा जैसे दूध का हो. और उसका फिगर 34-26-34 था. अभी तक गीतिका ने कोई बच्चा नही दिया था इसलिए उसका फिगर इतना सेक्सी था. क्योकि शादी के बाद हर औरत का फिगर थोड़ा सा खराब हो जाता है. पर गीतिका के मामले मे ऐसा बिल्कुल भी नही था. वो आज भी जवान 18 साल की लड़की लगती थी.
ट्यूशन के हर लड़के का दिल उस पर था. और उसे अपनी रानी बनाना चाहते थे. पर मैं सिर्फ़ उसे अपने लंड की रानी बना कर जिंदगी भर चोदने की सोचता था. उसके 34 के स्तन मुझे पागल कर देते थे. और जब गीतिका साड़ी डालती थी तो मुझे उसके चिकने पेट और चिकनी कमर के दर्शन हो जाते थे. उसकी चिकनी कमर और पेट को देख कर मेरा मन करता था की अभी उसे अपनी बाहों मे भर लू. और अपनी जीब निकाल उसके चिकने जिस्म को चाट-चाट कर अच्छे से और चिकना कर दू.
गीतिका की गांड भी बहुत मस्त और सेक्सी थी. जब वो ट्यूशन के टाइम सर को चाय देनी आती थी. तो सब की नज़र उस पर होती थी. पर जब वो चाय देकर वापिस जाती थी. तब मेरी नज़र उसके मोटे मोटे चुत्तड़ो पर होती थी. क्या कमाल के चुत्तड़ थे उसके जब वो चलती थी मानो टाइम बहुत स्लो सा हो गया हो. उसके हर ठुमके पर मेरी सांस अटक जाती थी. मुझे उससे प्यार सा होने लग गया था. मुझे अब कंट्रोल नही होता था.
ट्यूशन के बाद मैं सीधा अपने घर जाता और अपने रूम मे आ कर. रूम को अंदर से बंद करके अपने आप को पूरा नंगा करके. फिर मैं गीतिका को सोच कर उसके नाम की ज़ोर ज़ोर से कम से कम 2 बार मुठ मारता था. और फिर जब रात को मुझे नींद नही आती थी. तब भी मैं रात को सोने से पहले गीतिका के नाम की मुठ मारता था. मेरा ये रोज का काम हो गया था. भला और मैं करता भी क्या मेरे पास और कोई रास्ता भी नही था इसके सिवा मुझे गीतिका की याद हर पल आती थी और मुझे हर जगह दिखने लग गई थी. मेरे दिलो दिमाग़ पर बस गीतिका ही गीतिका छाई हुई थी. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की मैं करूँ तो क्या करूँ. तभी मेरे पा ने कहा हम सब सोनीपत शादी मे जा रहे है. इस लिए तुम कॉलेज और अपनी ट्यूशन से 7 दिन की छुट्टी ले लो. मैं ऐसा ही किया क्योकि मैं गीतिका के चक्कर मे अब पागल सा होने लग गया. मैने सोनीपत मे बहुत मज़े किए. अपने मौसी और और मामी के लड़को से मिल कर मैं बहुत खुश हुआ. वो सब भी मेरी ही उमर के थे. इसलिए हम सब मे बहुत प्यार था और इस लिए हम सब ने जाते ही मस्ती शुरू करदी थी. मुझे पता भी नही चला की कब 7 दिन निकल गये और मुझे घर वापिस आना पड़ गया. इन दीनो मे मैने गीतिका को बहुत कम याद किया. पर घर आते ही मुझे गीतिका को देखने का बहुत मन कर रहा था. ये कहानी आप gandikahani.in पर पढ़ रहे है.
इसलिए मैं घर आते ही अपनी बुक्स उठा कर ट्यूशन के लिए निकल गया. मुझे पता था की मैं ट्यूशन के लिए 30 मिनिट लेट हूँ पर क्या करूँ गीतिका के प्यार का भूत मेरे सिर पर सवार था. और दोस्तो मेरी किस्मत तो देखो. जब मैं ट्यूशन के लिए सर के घर पर गया. तो गेट पर ही गीतिका झुक कर झाड़ू लगा रही थी. मेरे आँखो के सामने उसके मोटे मोटे नंगे स्तन आ गये. मेरा लंड वहीं पर खड़ा उन्हे सलामी देने लग गया. वो नीचे झुक कर झाड़ू लगा रही थी. जिस वजह से उसके आधे स्तन बाहर आए हुए थे. मैं उसके स्तन को देख कर पागल सा हो गया. मेरे मूह मे पानी भर आया. और जैसे ही उसकी नज़रें मेरी नज़ारो से मिली तो शरम से एक दम लाल हो गया. मैं कुछ भी बोल नही पाया. तभी गीतिका बोली क्या बात नीलेश आज बहुत दीनो बाद दिखे हो कहा थे तुम. मैने कहा मेडम मैं शादी मे गया हुआ था. तो बोली ओके ठीक है अंदर आओ और सर ने आज ट्यूशन लेट शुरू करी है.
मैं उसकी आँखो मे आँखें डालते हुए अंदर चला गया और जैसे ही मैं अंदर जाने लगा उसके चेहरे पर एक सेक्सी सी स्माइल आ गई. उसकी स्माइल से मेरा दिल बहुत खुश हो गया. मुझे भला अब और क्या चाहिए था. मेरी जान ने मुझे एक सेक्सी सी स्माइल जो देदी थी. अंदर गया तो सर ने मेरा हाल चल पूछा और स्टडी करवाने लग गये. जैसे ही ट्यूशन की छुट्टी हुई सब जाने लगे. तभी मेरे माइंड मे एक आइडिया आया.
मैं वापिस सर के पास गया और बोला सर अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आप से एक रिक्वेस्ट कर सकता हूँ. उस टाइम गीतिका भी उनके साथ थी. सर ने कहा हाँ नीलेश बोलो क्या दिक्कत है. मैने कहा सर दिक्कत कुछ नही है सर मै ये चाहता था की मैं जो पिछले 7 दिन नही आया उसका काम आप मुझे थोड़ा सा एक्सट्रा टाइम देख पूरा करवा सकते हो. सर को मेरी ये बात बहुत अच्छी लगी. वो बोले देखो गीतिका भला आज के टाइम ऐसे लड़के कहा देखने को मिलते है. हां बेटा कल से तुम्हरा ट्यूशन टाइम सब से अलग है. जब सब चले जाएगें तब तुम आना ताकि बाकी स्टूडेंट्स को ऐसा ना लगे की मैं तुम्हे ज़्यादा स्टडी करवा रहा हूँ. ये कहानी आप gandikahani.in पर पढ़ रहे है. मैने कहा ठीक है सर फिर कल मिलते है मेरी ये बात सुन कर गीतिका के चेहरे पर फिर से एक सेक्सी सी स्माइल आ गई. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की आज मेरे साथ ये हुआ तो हुआ क्या है. घर जाते ही मैं नंगा हुआ और गीतिका के गोरे गोरे स्तन को याद करके मुठ मारने लग गया. 2 बार मुठ मारने के बाद मैं और मेरा लंड थोड़ा शांत हो गया. रात को भी मेरे सपनो मे गीतिका के गोरे गोरे स्तन आने लग गये. मेरा लंड उसके स्तन याद करते ही पूरा खड़ा हो जाता था.
अगले दिन मैं ट्यूशन गया तो मैं डोर बेल बजाई. अंदर से गीतिका की आवाज़ आई कौन है. मैने कहा मेडम मैं नीलेश हूँ. गीतिका ने कहा अंदर आ जाओ डोर खुला है. मैं अंदर गया तो अंदर कोई नही था तभी बेडरूम से गीतिका आई और बोली आओ नीलेश बैठो. मैने कहा मेडम सर नही दिख रहे है. तो वो बोली आज अचानक उनके एक दोस्त की डेथ हो गई है इसलिए वो कल ही घर पर आयेंगे. आज तुम्हारी ट्यूशन की छुट्टी है. मैं कहा ठीक है फिर मैं घर जा रहा हूँ. तभी गीतिका बोली नीलेश मुझे तुमसे एक छोटा सा काम था. मैने कहा हाँ जी मेडम बोलो क्या काम है. तो मेडम बोली देखो ना मुझे नहाना भी है और मार्केट से सब्जी भी ले कर आनी है. अगर तुम मार्केट से मेरे लिए सब्जी ले आओ तो. मैने कहा हाँ जी कोई बात नही बोलो क्या क्या ले कर आना है. तो गीतिका ने मुझे लिस्ट बना कर देदी. मैं मार्केट गया और 20 मिनिट मे ही वापिस आ गया मैं आया तो दरवाजा खुला था. मैं अंदर आया और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.
बाथरूम से गीतिका की आवाज़ आई नीलेश तुम बैठो और टी.वी देख लो इतना मैं आई थोड़ी देर मे. मैं सोफे पर बैठ कर टी.वी देखने लग गया पर टी.वी पर कोई चॅनेल नही आ रहा था. केबल की लाइट नही आ रही थी. मैने गीतिका मेडम से कह दिया की टीवी नही चल रहा है शायद केबल की लाइट नही आ रही है. तो गीतिका मेडम बोली अरे हाँ वो तो 2 दिन से नही आ रही है. तुम ऐसा करो नीचे डीवीडी प्लेयर ऑन कर लो उसमे मूवी पड़ी है वो देख लो. मैने मेडम के कहने पर डीवीडी प्लेयर ऑन कर लिया. ये कहानी आप gandikahani.in पर पढ़ रहे है.
और जेसे ही ऑन किया तभी टी.वी पर ब्लू मूवी चल पड़ी. मैं देख कर हैरान रह गया. की अब ये सब क्या है अब मैं क्या करूँ. पहले मैने सोचा की ये बंद कर दूँ. पर फिर मेरे माइंड मे आइडिया आया की जब मेडम ये देखेगी तो मैं कह दूँगा आप ने ही तो कहा था की मूवी देख लो. मैं मूवी देखने लग गया और कुछ ही देर मे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया. मेरा मन कर रहा था की अभी कोई चूत मिल जाए चोदने को, तभी पीछे से आवाज़ आई ये है क्या है नीलेश. एक सेकेंड के लिए तो मेरी गांड फट गई थी. फिर मैं बोला मैं क्या करूँ मेडम ये सब पहले से ही चल रही थी. मैने तो बस डीवीडी ऑन ही किया था. मैने अभी तक पीछे मूड कर नही देखा था. फिर गीतिका मेडम बोली ओ हू तुम्हारे सर भी ना डीवीडी देख कर निकालना अक्सर भूल जाते है सॉरी मैने तुम्हे बेवजह डाट दिया.
मैने कहा कोई बात नही मेडम और फिर वो आगे आई तो मैं उसे देखता ही रह गया. मेरा लंड मेरा अंडरवियर और पैंट दोनो फाड़ कर बाहर आने वाला हो गया. मेरा दिमाग़ खराब पूरी तरह से हो गया. गीतिका अपने स्तन पर एक चुननी लपटी हुई थी और अपने चूत के उप्पर एक टॉवेल लपटे हुआ था. मेरा लंड अब मेरे कंट्रोल मे नही था. मैने अपने लंड को अपने दोनो हाथो से दबा कर छिपाया हुआ था. गीतिका मेरी ये हरकत देख रही थी. और वो बोली क्या छिपा रहे हो तुम मुझसे. मैने कहा कुछ नही मेडम बस मुझे अब कंट्रोल नही हो रहा है. वो बोली लाओ मुझे दिखाओ मैं भी देखती हूँ तुमसे क्या कंट्रोल नही हो रहा है. मैने कहा नही मेडम मुझे शरम आती है. गीतिका बोली अरे इसमे शरमाने वाली क्या बात है यहा पर भला हम दोनो के सिवा कौन है. भला अब मैं भी तुम्हारे सामने नहा कर चुननी मे आई हूँ. मैं बोला वो तो ठीक है पर आप को देख कर ही तो ये पागल हुआ है. ये कहानी आप adultstories.co.in पर पढ़ रहे है.
गीतिका बोली अरे कोई बात नही मैं देखती हूँ तुम पीछे हटो ओके. गीतिका नीचे फर्श पर बैठ गई और मैं सोफे पर बैठा था. गीतिका ने मेरी दोनो टाँगे खोली और उसके बीच मे बैठ गई. उसने सब से पहले मेरे दोनो हाथ साइड मे किए और मेरे लंड को बाहर से ही शेलाने लग गई. और बोली अच्छा ये है जो तुम कंट्रोल मे नही कर पा रहे हो ज़रा मैं भी तो देखूं इसे. फिर उसने मेरी पैंट खोली और मैने अपने चुत्तड़ थोड़े से उप्पर उठाए और नीचे से मेडम ने मेरी पैंट उतार दी. ऐसे ही उन्होने मेरे अंडरवियर को भी उतार दिया. मेरा 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड देख कर. गीतिका का मूह खुला का खुला रह गया. उसका चेहरा देखने वाला था उसकी दोनो आँखें मेरे लंड के उप्पर टिकी हुई थी. मैने बोला क्या हुआ मेडम आप तो खो ही गई, आप तो ऐसे देख रही हो जैसे आपने कभी कोई लंड देखा ही ना हो. तो गीतिका बोली ऐसी कोई बात नही है पर ऐसा लंड मैने पहली बार देखा है. सच मे तुम्हरा लंड बहुत की कमाल का है. अब मेरी बात ध्यान से सुनो तुम अभो 2 घंटे की ट्यूशन पर हो. और अगले 2 घंटे तक अब तुम मेरे हो, मैं तुम्हे जो करने को कहूँगी वो तुम्हे चुप चाप करना ही होगा. मैने कहा हाँ मेडम कोई बात नही. ये कहानी आप gandikahani.in पर पढ़ रहे है.
फिर उन्होने अपनी गुलाबी जीब बाहर निकाली और मेरे लंड को चाटने लग गई. उसकी जीब से थूक भी नीचे गिर रहा था. जिससे मेरा लंड गीला होने लग गया था. धीरे धीरे उसने मेरा लंड को चूसना शुरू कर दिया. और मेरे लंड को अपने गले मे उतारने की कोशिश करने लग गई. मैं और मेरा लंड बहुत गरम हो गया था. मैने उसका सिर पकड़ा और धीरे धीरे धक्के मारने लग गया. मैं गीतिका का मूह चोद रहा था. जिसे चोदने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. करीब 10 मिनिट तक मूह चोदने के बाद मेरे लंड 5-7 पिचकारी गीतिका के मूह मे ही मारी. जिसे वो सारा का सारा पी गई. बाद उसने मेरा लंड चटा और अच्छे से उसे सॉफ कर दिया. उसके बाद मेडम बोली तुम्हारा लंड तो बहुत जल्दी हार मान गया. मैने कहा मेडम आज पहली बार किसी ने इसे अपने मूह मे लिया है इस लिए ऐसा हुआ है. फिर मेडम बोली अच्छा फिर ठीक है चलो अब बेडरूम मे चलते है वाहा आराम से एंजाय करेगें.
उसके बाद हम दोनो बेडरूम मे गये. मेडम ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा हुआ था जिसे वो खींच कर बेडरूम मे ले आई थी. उसके बाद हम दोनो पूरे नंगे हो गये. और मैं मेडम को नीचे ले कर उसके स्तन को चूसना शुरू कर दिया था. उसके गुलाबी होंठ और उसके गुलाबी निप्पल्स दोनो मैच कर रहे थे. मैं दोनो को बारी-बारी से चूस रहा था. दोनो स्तन को मैं 15 मिनिट तक अच्छे से चूसा. और अपने दांतो के निशान स्तन पर दे दिए थे. उसके बाद मैने देखा की उसके गोरे स्तन अब लाल हो चुके थे. जो दिखने मे बहुत ही सेक्सी लग रहे थे. फिर मैं अपनी जीब से उसका पूरा जिस्म चट्टा हुआ नीचे चूत के पास गया. फिर मैने उसकी दोनो टाँगे खोली और अपना मूह उसकी चूत पर सेट कर लिया. उसकी चूत मे से पहले से ही बहुत पानी बाहर आ रहा था. और उप्पर से मैं अब उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लग गया था. मेडम पूरी तरह से पागल सी होने लग गई थी. वो अपना सिर ज़ोर-ज़ोर से बेड पर मार रही थी.
मेरी जीब उसकी चूत मे आंतक मचा रही थी. मेरा मूह उसकी चूत के पानी से पूरी तरह से गीला हो चुका था. गीतिका मस्ती मे ज़ोर ज़ोर से बोल रही थी मेरे राजा अब मुझे चोद दे ऐसा मज़ा आज तक उस चूतिए ने मुझे कभी नही दिया जो तूने मुझे आज दिया है अब फाड़ दे मेरी चूत को. मैं ज़रा भी देर नही लगाई मैं उसके उप्पर आया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मार कर उसकी चूत मे अपना लंड थोड़ा सा उतार दिया. गीतिका की चूत सच मे बहुत टाइट थी. मैं एक और धक्का मारा तब जा कर मेरा आधा लंड चूत मे गया था. मुझे ये सब देख कर बहुत हैरानी हो रही थी क्योकि गीतिका की शादी को काफ़ी साल हो गये थे. पर फिर भी इसकी चूत बहुत टाइट थी. इस का कारण मैने जब गीतिका से पूछा तो उसने कहा. वो साला एक नंबर का ना मर्द इंसान है. उसका लंड पर मैं हाथ भी रख दू तो उसका लंड पानी छोड़ देता है. आज तक उसका लंड मेरी चूत तक पोहुचा ही कब है जो वो मेरी सील तोड़ेगा.
उसकी ये बात सुन कर मैं हसने लग गया. और अब मैने अपना पूरा लंड बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्का मार कर उसकी चूत मे अपना पूरा लंड उतार दिया. उप्पर से गीतिका की जोरदार चीक निकली और नीचे से उसकी चूत मे खून की पिचकारी निकली. मैं उसकी चूत को अब लगातार चोदता रहा. जब तक मेरे लंड मे से पानी नही निकला. मैं उसकी चूत को 40 मिनिट तक चोदा और फिर कुछ देर रेस्ट करने के बाद फिर से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. मैने अपने पहले सेक्स मे ही पहली सील तोड़ दी थी. उस दिन के बाद जब भी हम दोनो को मोका मिलता है. तो हम दोनो अपना चुदाई का खेल खेलते है. और अब मैं उसके बच्चे का बाप भी बनने वाला हूँ