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मैं नन्ही सी जान और मुझे तीनो ने चोदा बारी बारी से

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मेरा नाम नव्या है, मैं अभी 19 साल की हु, मेरी एक दोस्त थी पूनम, जो की मेरे कोचिंग क्लास में पढ़ती थी, वो मुझे बार बार अपनी चुदाई के बारे में बताते रहती थी, उसका एक दोस्त था विपुल, पूनम से अपने चूत की सील उसी से तुडबाई थी, अपनी वर्जिनिटी विपुल के साथ ही खोई. दोस्तों मैं भी बड़े चाव से मैं उसकी अंतरंग की कहानियां सूना करती थी, वो सप्ताह में करीब तिन दिन वो अपने घर से बंक मारती थी और डिस्ट्रिक्ट पार्क में जब अँधेरा हो जाता था तब तो चुदवाती थी. आकर मुझे बताती थी यार, आज विपुल ने मुझे ऐसे चोदा, ऐसे किश किया, ऐसे मेरी चूचियाँ दबाया, ऐसे मेरी चूत में ऊँगली डाली, इस तरह मैं भी उसी की कहानियां को सुन कर खुश होती थी, पर जब वो कहानियन कहती तब मेरी चूचियाँ टाइट हो जाती और मेरी चूत में गीलापन महसूस होता. धीरे धीरे मैं भी लड़को के तरफ आकर्षित होने लगी. मेरा शरीर मध्य कद काठी का था, मुझे बहुत डर लगता था की मेरे चूत से अगर ज्यादा खून निकला तो, अगर मैं लंड को बर्दाश्त नहीं कर पाई तो, या मेरे चूत में जोर से अंदर घुस दिया तो. ये सब सोच कर डरती थी.

क्यों की मुझे एहसास है की कैसे पहली चुदाई की चीख होती है. जब मेरे भैया सुहागरात मना रहे थे तो भाभी जोर जोर से चीख रही थी, निकालो निकालो, खून निकल रहा है वगैरह वगैरह, क्यों की मैं उसके बगल के कमरे में सोई थी, और ऊपर छोटा सा खिड़की था छत से सटा हुआ वह से आवाज आ रही थी. तब से भी मेरे अंदर भय था. पर अब मेरे अंदर कुछ कुछ होने लगा था, मुझे भी कुछ ऐसा करने का मन कर रहा था जिससे मेरी चूत की गर्मी शांत हो, मैं जब भी कोई किसिंग सिन देखती तो मेरे तन बदन में आग लग जात थी. मेरे अंदर एक अलग सी वासना की करंट लग जाती. ऐसे तो लड़कियों पे लड़के हमेशा से मरते है, मेरे ऊपर भी दर्जनों लड़को की आँख गड़ी हुई थी, पर मैंने अपने लिए एक बॉय फ्रेंड ढूंढ निकाला, और बस चटर पटर करने लगी, धीरे धीरे किसिंग शुरू हो गया, फिर वो मेरे कपडे के अंदर हाथ डाल कर मेरी छोटी छोटी संतरे की भांति चूचियों के दबाता और अपने दो उँगलियों से मेरे निप्पल को सहलाता, मेरे मुंह से इस इस इस इस की आवाज निकलती और मेरी चूत गीली हो जाती.

रात में जब सोती तो मैं अपनी चूत को सहलाती और और अपने बूब्स को खुद ही प्रेस करती, ये सब करने से सिर्फ मन खराब होता था, क्यों की कुछ होता जाता था नहीं बस आग भड़क उठती. उसके बाद उसने मुझे अपने एक दोस्त के कमरे पे ले गया, मैंने भी चली गई, उसका दोस्त था नहीं वो गाँव गया हुआ था, वह सिर्फ हम दोनों अकेले थे, ये पहले से प्लांड थे, वह जाकर मेरे सारे कपडे उतारे, और फिर मेरे चूत को खूब सहलाया, मेरे बूब्स को पिया, मैं भी खूब मजे ली, अब बारी थी चुदने की, मुझे इसका बेशब्री से इंतज़ार था, पर अंदर से डर भी था, और वो पल आ गया जब मेरे चूत पे किसी लंड का स्पर्श हुआ, मैं तो धन्य हो गयी, मजा आ गया यारों, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. उसके बाद उसने मेरी चूत पे थूक लगाया, मैंने मना भी किया की थूक क्यों लगा रहा है पर उसने बोल अरे यार दर्द नहीं होगा क्यों की लंड जब गिला हो जायेगा तो अंदर चला जायेगा, फिर उसने कहा रूक पहले चेक करता हु, की तू वाकई में वर्जिन है की यूँ ही बोल रही है. मैंने कहा चेक कर ले. उसने मेरे चूत को चिर कर देखा, और बोल नहीं यार तू तो वर्जिन लग रही है, क्यों की अंदर छेद नहीं दिखई दे रहा है. मस्त माल है यार, मैंने कहा ये तो मैं हु ही.

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उसको बाद क्या बताऊँ दोस्तों, उसने अपना लंड मेरे चूत पे लगाया और लगा अंदर करने, मेरी मजा तो सजा में तब्दील होने लगी. मुझे जोर का दर्द होने लगा. मैं दर्द से छटपटा रही थी वो थोड़ा रूक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा, मुझे अब दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था, अभी लंड मेरे चूत के अंदर गया नहीं था. उसके बाद उसने तीन चार बार हौले हौले किया फिर उसने एक जोर से झटका मारा, उसका लंड मेरी चूत में कस गया, दर्द होने लगी. वो रूक गया, अब वो थोड़ा लंड को निकालता और फिर अंदर करता, ऐसा उसने करीब २० बार किया, और लंड ने अपना मुकाम मेरे चूत के अंदर कर लिया, अब लंड आराम से मेरे चूत में आ जा रहा था, मैं पसीना पसीना हो गई थी, वो मजा बस पूछो नहीं दोस्तों, आपको जिसको खट्टा मीठा कहते हो ना वही था, दर्द भी था और सकून भी था, मैंने उसको अपने बाहों में जकड लिया और पैर से फंदा बना ली. वो अंदर बाहर अपने लंड को करते जा रहा था.

दोस्तों उसने बाद मेरे चूत के अंदर खुजली होने लगी. वो गजब का एहसास था मुझे लग रहा था वो जोर जोर से अंदर डाले, मुझे बाहों में भर ले मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाये, मेरे होठ को खूब चूसे, मैं आवेश में आ गयी और कहने लगी. चोद ना चोद शांत क्यों हो रहा है. मुझे तो अभी और चाहिए, और चोद और चोद, आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ और वो धरासाई हो गया वो मेरे ऊपर ही लेट गया, मैंने पूछा क्या हुआ, मुझे बहुत गुस्सा लगा था, क्यों की वो चोद नहीं रहा था, मैंने उसको कहा क्या कर रहे हो? उसने कहा बस हो गया अब मेरा, मेरा निकल गया है. तेरी चूत में, मैं झड़ गया हु, दोस्तों मुझे जोर से गुस्सा आया, पर करती भी क्या, मैं चुपचाप रही, मैं अभी वासना की आग में जल रही थी, तभी बेल्ल बजा मैं डर गई. अपने कपडे ढूंढने लगी. वो बाहर आ गया ड्राइंग रूम में, और फिर दरवाजा खोल, तो मुझे गालियों की आवाज आई. कह रहा था साले, तूने मुझे कहा था की जब मैं जाऊंगा तो तुम दोनों को बुला लूंगा, पर तूने बुलाया नहीं? कहा है तेरी माल, उसने इशारे से बता दिया कमरे के तरफ. वो दोनों अंदर आ गया, मैंने कपडे पहन चुकी थी.

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उसने आते ही कहा बड़ी जबरदस्त माल है यार, मैंने कहा ये क्या हो रहा है, अपने फ्रेंड को बोली तुम इसे क्यों बुलाए हो, उसने कहा, इसने अपनी गर्ल फ्रेंड को शेयर करता है. मेरे साथ, हम तीनो अपने अपने गर्ल फ्रेंड को शेयर करेंगे, हम तीनो ने आपस में वादा किया है. मुझे अच्छा लगा, इन तीनो का आईडिया, और वो दोनों मुझे सहलाने लगा, और धीरे धीरे मेरे कपडे उतर गया और वो दोनों भी उतार लिया, फिर क्या था दोस्तों, एक का लंड तो थोड़ा छोटा था पर एक का लंड बहुत मोटा था, वो जोर जोर से मुझे खूब चोदा, फिर तीनो ने मुझे बारी बारी से चोदा, अब मैं संतुष्ट हुई, मुझे जो चाहिए था मिल गया था.

मैंने ये सब काम तीन महीने तक खूब की, पर मुझे बाद में अच्छा नहीं लगा, की रंडी बनु और मुझे तीन तीन लड़के चोदे, मैंने अपने बॉयफ्रेंड को छोड़ दिया, और मेरे मम्मी पापा दूसरे शहर में शिफ्ट कर गया है. यह मैं थोड़ा दिन चैन से रहना चाहती हु, ये मेरी कहानी सच्ची है. आशा करती हु की, मैं अपनी दूसरी कहानी जल्द ही gandikahani.in  पर पोस्ट करने बाली हु, क्यों की मैं चुदाई के बिना रह नहीं सकती और मेरी शादी होने में अभी टाइम है.

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