खेल खेल में चार चचेरी बहन की चुदाई
जी हां दोस्तों जैसा की आपने पढ़ा हैं खेल खेल में चुदाई ये मेरी सच्ची कहानी हैं। मैं अपने चार
चचेरी बहन को चोदा था। आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी बताऊंगा कैसे मैं चोदा था और
कैसे मजे किये थे। ये कहानी मेरे गांव की है। आजकल तो मुंबई में रहता हु पर आज मुझे ऐसा लग रहा था की आपको भी अपनी सच्ची चुदाई की कहानी बताऊँ। मैं उस समय छोटा था पर उतना भी छोटा नहीं की सेक्स को ना समझूँ। मेरी चारो बहन भी समझदार थी। ऐसे ये चुदाई का आईडिया उन लोगों का ही था मैं तो सिर्फ चोदने वाला था। पर ऐसा नसीब किसी और को नहीं होता है। शायद उन चारों को मेरी एक चुड़क्कड़ भाभी थी उसी का ये आईडिया था की मजे लो और वो मजे लेने लगी।
Dhokhebaz Naukarani Ki Chudai Ki Kahani
ठण्ड का समय था, शाम हो चुकी थी। हमारे घर वाले और उनके भी घरवाले सब एक शादी समारोह में गए थे। हम पांचो भाई बहन घर पर थे। शाम को हमलोग छूपन छुपाई का खेल खेल रहे थे। तभी प्लान किया गया की राजू सबको ढूंढेगा और जो मिल जाएगी उसको वो दो मिनट तक चुदाई करेगा। और छुपना था पुआल के ढेर में क्यों की खलिहान था घर के पीछे धान का फसल की कटाई हुई थी और बड़ा बड़ा पुआल का ढेर लगा था। अँधेरा हो गया था। खेल शुरू हो गया। पहले हम लोगों ने सोचा की पहली बार में चुदाई नहीं करनी है सिर्फ चूचियां दबानी है।
गेम का नियम था। मैं पीछे मुड़कर एक से दस तक गिनती गिना और पलटकर देखा कोई नहीं दिखाई दिया। छोटा सा प्यार सा लौड़ा में गुदगुदी हो रही थी। एक नया एहसास था चूची दबाने का वो भी एक का नहीं बल्कि चार चार लकड़ी का। कौथुहल हो रही थी मन में, पहले सोचा करता था जब बहुत ही ज्यादा छोटा था की जब चूचियां दबाई जाती है तब आवाज करता है। भोपूं की तरह, तो थोड़ा डर भी रहा था की कही चूचियां बज ना जाये।
वापस मुड़कर नाम से पुकारा कोई आवाज नहीं आई बस कुहू की आवाज आई मैं कुहू की तरफ भाग कर गया। वो
पुआल के पीछे छुपी थी मैंने कुहू को छूआ और फिर गेम के हिसाब से चूचियां दबाने लगा वो चुपचाप बैठी रही निम्बू के साइज की चूचियां, मेरा लौड़ा फनफना रहा था। दो मिनट में फिर उसको छोड़ा और फिर दूसरे को ढूंढने निकल गया वह पर रश्मि मिली, वो बिच में बैठी थी मैं उसको भी ढूंढ कर चूचियां दबाने लगा।
वो थोड़ी कसमसा रही थी और कह रही थी किसी को बोलना मत। उसके बाद भी पूजा के को ढूंढ निकाला उसकी चूचियां बड़ी बड़ी थी वो अपनी चूची को बड़े मजे से दबबाई अब बबली दीदी की बारी थी, वो जवान थी मजा आ गया वो तो मुझे पकड़पर खुद ही चूमने लगी और अपनी चूचियां मेरे मुँह में रगड़ने लगी और पुआल में ही वो मेरे ऊपर चढ़ गई।
ओह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों ये कहानी Gandi Kahani पर पोस्ट करते हुए हंसी भी आ रही है और मजा भी आ रहा है। उसके बाद ज्यादा अन्धेरा हो गया था। उसके बाद खेल का सेकंड लेवल था। फिर से छुपने का अब था की जो जो मिल जाएगी वो घर चली जाएगी और एक बार ही चूत में लौड़ा घुसाना है। ऊपर निचे नहीं करना है नहीं तो वीर्य गिर सकता है।
खेल शुरू अब मुझे बबली दीदी मिली पहले मैं वो नाडा जांघिया खोल कर तैयार थी. मैं चूत सहलाया और फिर अपना लौड़ा निकाल कर जैसे तैसे घुसाने की कोशिश की थोड़ा ही गया था उससे दर्द हो या नहीं मुझे दर्द होने लगा था तब भी किसी तरह से उसके चूत में लौड़ा घुसाने लगा और कामयाब हो गया फिर चूचिया दबाई और होठ भी चूमे। उसके बाद वो एक झटके से उठी और बोली मैं जा रही हु। वो चली गई.
मेरे लंड के नसीब में 3 कमसिन चूत मिली
फिर कुहू की बारी उसका पेंट निचे किया और फिर चुदाई करने लगा उसकी चूत काफी टाइट थी जा नहीं रहा था। पर कोशिश किया और थोड़ा ही डाल पाया, फिर रश्मि को चोदा उसके चूत में एक बार में ही लौड़ा घुसा दिया, फिर चौथी की बारी उसको आराम से सारे कपडे उतार दिए तब तक वो तीनो चली गई थी।
मैंने अपना लंड उसके चूत में डालने लगा वो भी खूब मजे ले रही थी क्यों की अब हम दोनों ही थे। मैं उसकी चूचियां दबाने लगा वो भी मुझे चूमने लगी और फिर अपना लौड़ा उसके क्लीन चूत पर रख पर जोर जोर से पेलने लगा। बहुत मजा आ रहा था। वो भी मैं तुमसे प्यार करती हु वगैरह वगैरह कह रही थी। ये कहानी आप Gandi Kahani dot In पर पढ़ रहे हैं। उसके बाद मेरे लौड़े में जोर से दर्द होने लगा मैंने अपने लौड़े को बाहर निकाला और बोला अब चलना चाहिए। वो खड़ी हो गई और कपडे पहन ली। हम दोनों घर चले गए वो रस्ते किसी को कहना मत।
घर पहुंच कर तुरंत ही वाशरूम में गया और अपना लौड़ा चेक किया। पता नहीं उन चरों की चूत से खून निकल रहा हो या नहीं पर मेरे लौड़े से खून जरूर निकल रहा था। क्यों की लंड को टोपी खुल गई थी। पर जो भी था या बहुत मजेदार था आज भी वो दिन याद करता हु तो मजा आ जाता है।
उसकी बाद तो मैं कई बार चोदा फिर तो वो चारो मुझसे चुदवाने लगी, पर हां कंडोम लगा कर चोदता था। तो कैसी लगी मेरी हिंदी से ये सेक्स कहानी आप जरूर बतायेँ। और हां मैं दूसरी कहानी जल्द ही Gandi Kahani पर लिखने बाला हूँ।